BHU परिसर में गनप्वाइंट पर छात्रा से छेड़खानी, कपड़े उतरवाए, धरने पर हजारों छात्र, प्रियंका गांधी ने उठाया सवाल
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह अब तक का सबसे हीनियस क्राइम है। उन्होंने कहा कि आए दिन यहां की छात्राओं संग छेड़खानी होती है, पर संस्थान के जिम्मेदार चुप रहते हैं। पुलिस के समझाने पर छात्रों ने कहा कि जब तक गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक नहीं हटेंगे।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आईआईटी बीएचयू के परिसर में बुधवार देर रात गन प्वाइंट पर एक छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने और कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस घटना के सामने आने के बाद गुरुवार सुबह से हजारों छात्र बीएचयू परिसर में धरने पर बैठ गए हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित देश के प्रतिष्ठित संस्थान में महिला सुरक्षा के हालात पर सवाल उठाते हुए बीजेपी सरकार को घेरा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा, “बनारस में IIT, BHU की एक छात्रा पर यौन आक्रमण हुआ है। कुछ देर पहले, विश्वविद्यालय-परिसर में, उस छात्रा के साथ ज़ोर-ज़बर्दस्ती और दिल दहला देने वाली हिंसा की गयी है। निर्लज्ज हमलावरों ने घटना का वीडियो भी बना लिया है। घटना के विरुद्ध आईआईटी के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। क्या अब बीएचयू-परिसर और IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी सुरक्षित नहीं हैं? प्रधानमंत्री जी के निर्वाचन-क्षेत्र में एक छात्रा का अपने ही शिक्षण-संस्थान के भीतर निर्भय होकर पैदल चलना क्या अब संभव नहीं रहा? धिक्कार है।”
दरअसल, बुधवार देर रात आईआईटी बीएचयू में एक छात्रा से छेड़छाड़ हुई। तीन युवकों ने दोस्त के साथ जा रही एक लड़की को रोका और उसके साथ छेड़छाड़ की और उसके कपड़े उतरवाकर वीडियो भी बना लिया। घटना की जानकारी मिलते ही इसके विरोध में हजारों छात्र सड़क पर उतर आए और राजपूताना हॉस्टल पहुंचक धरने पर बैठ गए। छात्र कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बैनर और पोस्टर के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने विरोध करते हुए पूरा कैंपस बंद करा दिया। कक्षा और लैब में रिसर्च का काम भी बंद कर दिया गया।
छात्रों के धरना-प्रदर्शन से पुलिस भी हरकत में आ गई है। इस मामले में लंका थाने में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। सात ही पूरे कैंपस की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं बीएचयू आईआईटी में छेड़छाड़ हादसे के बाद सख्ती बढ़ा दी गई है। बीएचयू प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि परिसर के सारे गेट रात 10 से सुबह 5 तक बंद रहेंगे।
वहीं, पीड़ित छात्रा की ओर से बयान में कहा गया है कि बुधवार रात 1:30 बजे वह अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास उसका दोस्त मिला। दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर तीन लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया और अश्लील हरकत की। चिल्लाने पर मारने की धमकी दी। इसके बाद उसे उठाकर झाड़ी में ले गए और वहां उसके कपड़े उतारकर वीडियो बना लिया।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि यह रात में अब तक का सबसे बड़ा हीनियस क्राइम हुआ है। घटना पर बीएचयू प्रशासन, प्रॉक्टोरियल बोर्ड और डायरेक्टर की ओर से अभी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आए दिन संस्थान की छात्राओं संग छेड़खानी होती रहती है। इस पर संस्थान के जिम्मेदार चुप रहते हैं।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मान रहे। उन्होंने कहा है कि जब तक गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक नहीं हटेंगे। डीसीपी काशी जोन राम सेवक गौतम ने बताया कि छात्रा से छेड़छाड़ मामले में लंका थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। टीम गठित कर दी गई है। आरोपियों की तलाश जारी है। आईआईटी के पदाधिकारी भी संपर्क में हैं।
इस पूरे मामले पर यूपी कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। यूपी कांग्रेस ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीती रात एक छात्रा अपने हॉस्टल से निकलती है। रास्ते में उसे तीन मनचले पकड़ लेते हैं। जबरदस्ती कोने में ले जाकर अश्लील हरकतें करते हैं। जैसे-तैसे छात्रा उनसे बचकर हॉस्टल पहुंचती है। यह सब प्रधान जी के संसदीय क्षेत्र स्थित विद्या के सबसे बड़े मंदिर में हो रहा है। सत्ता का महिला सुरक्षा से जुड़ा हर दावा पांवों तले रौंदा जाता है और पूछने वाला कोई नहीं।
यूपी कांग्रेस ने आगे कहा कि अगले दिन यानी आज सुबह से हज़ारों छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय परिसर में धरनारत हैं। मगर, यह ओछी हरक़त करने वाला नीच पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की पकड़ में अब तक नहीं आया है। कहां गया 'गृह'मंत्री जी का लड़कियों के आधी रात सड़क पर खुला घूमने का वायदा? कैसे पढेंगी बेटियां? जब वे अपने विश्विविद्यालय परिसर में ही सुरक्षित नहीं रहेंगी? क्या है कोई ज़वाब।
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