दुबई में गिरफ्तार गुप्ता ब्रदर्स की कहानीः पहले सहारनपुर में चलाई राशन दुकान, फिर चलाई दक्षिण अफ्रीका में सरकार
साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में अरबों रैंड का घोटाला करने के आरोप लगने पर गुप्ता परिवार दुबई चला गया था। उसी साल व्यापक प्रदर्शन के बाद अफ्रीकी कांग्रेस ने जूमा को राष्ट्रपति पद से हटाते हुए रामाफोसा को कार्रवाई की अपेक्षा के साथ राष्ट्रपति बनाया था।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के सय्यद मशकूर बताते हैं कि उन्होंने अजय गुप्ता के यहां हेलीकॉप्टर रिक्शे की तरह इस्तेमाल होते देखे हैं। मैंने देखा है कि उनके यहां शादी में आ जा रहे मेहमानों के दर्जनों हेलीकॉप्टर टैक्सी की भूमिका में होते थे। वो बहुत बड़ी शादियों के लिए जाने जाते थे। उनकी शादियां बहुत भव्य होती थी। औली में उनकी एक शादी 200 करोड़ की थी। सहारनपुर की उनकी एक शादी में पूरा शहर उमड़ पड़ा था।
राशन की दुकान चलाने से लेकर दक्षिण अफ्रीका में सरकार चलाने वाले तक ऐसे गुप्ता ब्रदर्स अब भ्रष्टाचार और सत्ता में दखल के गंभीर आरोपों से जूझ रहे हैं। गुप्ता ब्रदर्स की गिरफ्तारी उनके पैतृक निवास शहर सहारनपुर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शहर ने गुप्ता ब्रदर्स के बहुत से चमत्कार देखें है। अजय गुप्ता को रानी बाजार की गलियों से निकलकर शहर की सड़कों पर स्कूटर चलाने से लेकर 200 करोड़ की शादी तक को महसूस किया है।
हाल ही में इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर यूएई की कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इन्हीं गुप्ता ब्रदर्स को दुबई से गिरफ्तार किया है। सहारनपुर के मिडिल क्लास परिवार से निकल कर पहले सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका में अरबों रुपयों का व्यापारिक साम्राज्य खड़ा करने वाले एनआरआई अजय गुप्ता के दो सगे छोटे भाईयों अतुल और राजेश गुप्ता को सोमवार को दुबई में संयुक्त अरब अमीरात की कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी एक बड़ा घटनाक्रम है। यह कार्रवाई दक्षिण अफ्रीका में सत्ता में हस्तक्षेप कर भ्रष्टाचार के जरिए आर्थिक लाभ अर्जित करने के आरोप में वांछित और इंटरपोल द्वारा 2021 में जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर की गई है। इस कार्रवाई के बाद अजय गुप्ता के लिए भी खतरे की घंटी बज गई है।
अजय गुप्ता और उसके भाइयों पर 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे जैकब जूमा से निकट संबंधों के चलते अपने बिजनेस हितों के लिए मंत्रियों और अफसरों की नियुक्तियां कराने के आरोप लगे थे। बताया जाता है कि गुप्ता ब्रदर्स ने दक्षिण अफ्रीका के तमाम मीडिया तंत्र को अपने कब्जे में ले लिया था और वे बस राष्ट्रपति जैकब जूमा की वाहवाही करते रहते थे। बाद में देश की बिगड़ती स्थिति के बाद जैकब जुमा को 2018 में सत्ता गंवानी पड़ी थी और अब उन पर भी भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है।
यह गिरफ्तारी यूएई और दक्षिण अफ्रीका के मध्य पिछले साल अप्रैल में हुई उस प्रत्यर्पण संधि के तहत की गई है, जिसे राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा गुप्ता बंधुओं की गिरफ्तारी के उद्देश्य से ही अमल में लाए थे। दक्षिण अफ्रीका के न्याय और सुधार सेवा मंत्रालय ने दोनों भाईयों को भगोड़े की संज्ञा देते हुए गिरफ्तारी की पुष्टि की है। रेड कॉर्नर नोटिस जारी करते हुए इंटरपोल ने कहा था कि गुप्ता बंधुओं की उनसे जुड़ी एक कंपनी को दिए गए 2.5 करोड़ रैंड (1.6 करोड़ डॉलर) के ठेके के संबंध में की गई धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए वो तलाश रही है।
मामला इतना बड़ा है कि सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक एलायंस ने गिरफ्तारी का स्वागत करते हुए कहा है कि ‘यह वास्तव में उन लोगों पर कानूनी शिकंजे की शुरुआत है, जिन्होंने हमारे देश को सालों तक लूटा है। हमारे लाखों दक्षिण अफ्रीकी आज जिन कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं उनके लिए वे सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।’ 2018 में दक्षिण अफ्रीका के सरकारी संस्थानों में अरबों रैंड का घोटाला करने के आरोपों के बाद गुप्ता परिवार दुबई चला गया था। उसी साल व्यापक विरोध प्रदर्शनों के कारण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस ने जूमा को राष्ट्रपति पद से हटाते हुए रामाफोसा को इस मामले में कार्रवाई की अपेक्षा के साथ राष्ट्रपति बनाया था।
इस गिरफ्तारी के बाद गुप्ता ब्रदर्स के पुराने मोहल्ले रानी बाजार रायवाला के राकेश कुमार आश्चर्य जताते हुए कहते हैं कि यहां सबसे ज्यादा चर्चा अजय गुप्ता की होती है क्योंकि वो इन सभी भाइयों में सबसे तेज दिमाग का माना जाता है। पड़ोस में उसका व्यवहार बहुत अच्छा रहा है। इतना बड़ा आदमी होने के बावूजद वो यहां आने पर दोस्तों की तरह बात करता है। यह कार्रवाई अप्रत्याशित है और तकलीफ देती है।
बता दें कि अजय गुप्ता का वर्चस्व दक्षिण अफ्रीका में इतना बढ़ गया था कि वो वहां के रिमोट वित्त मंत्री तक कहे जाते थे। वो अपने नजदीकी संबधों के बाद विवादों में आए। गुप्ता के करीबी पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा से भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ चल रही है। जूमा का पिछले दशकों में दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में दबदबा रहा है। उनकी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने फरवरी 2018 में इनसे इस्तीफा लिया था। यह पहली बार था जब किसी राष्ट्रपति पर पद से हटने के बाद केस दर्ज हुआ। जूमा पर 1990 में भी हुए एक सैन्य सौदे में भ्रष्टाचार का केस चल रहा है। इनकी नौ साल की सत्ता के दौरान गुप्ता बंधुओं पर देश के संसाधनों के दोहन और सरकारी नियुक्तियों में हस्तक्षेप के आरोप लगे हैं।
गुप्ता ब्रदर्स की कंपनियों को दक्षिण अफ्रीका में यूरेनियम, गोल्ड माइन खदानें दी गई थीं। इनमें जूमा की पत्नी और बेटा निदेशक थे। यहां तक कि राष्ट्रपति जूमा का बेटा दुदुजान जूमा इसमें 10 फीसदी का पार्टनर रहा। इन्हें सफारी के तौर पर विकसित जंगल का एक बड़े शहर जितना भाग भी दिया गया था। जूमा और इनसे पहले राष्ट्रपति जोसेफ पाहद गुप्ता बंधुओं के पारिवारिक कार्यक्रमों में आते रहे हैं। राष्ट्रपति जूमा पर जब जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, तब तब गुप्ता बंधुओं का नाम सामने आया। गुप्ता परिवार इन आरोपों को छवि खराब करने वाला दुष्प्रचार कहता रहा है। गुप्ता परिवार माइंस, एयर ट्रैवल, एनर्जी, टेक्नोलॉजी और मीडिया कारोबार से जुड़ा रहा है। 2016 में गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका के 16वें सबसे अमीर लोगों में से थे। तब इनकी संपत्ति लगभग 78 करोड़ डॉलर यानी 60 अरब रुपए थी।
गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका में बेहद ताकतवर और चर्चित रहे हैं। इन पर वहां की भीतरी राजनीति और नीति निर्माण में दखल के आरोप लगातार लगते रहे। यह माना जाता है कि गुप्ता बंधुओं ने एक सीक्रेट डील के तहत दक्षिण अफ्रीका की कैबिनेट के चेहरे तय किए, जिसके पीछे कारोबारी हित छिपे हुए थे, जिनका फायदा जूमा के परिवार को मिला। 2019 में अजय गुप्ता के बेटे की उत्तराखंड के औली में हुई करीब 200 करोड़ रुपये की शादी सुर्खियों में रही थी। इससे पहले अजय गुप्ता ने दक्षिण अफ्रीका में अपनी भान्जी की रॉयल वेडिंग की थी, जिसमें भारत से गए मेहमानों के जहाज को जबरन वहां के सैन्य हवाई अड्डे पर उतारे जाने को लेकर विवाद हुआ था। अजय गुप्ता के बड़े बेटे की शादी तुर्की के मरदान पैलेस में आयोजित की गई थी। इनकी कंपनी सहारा कंप्यूटर्स दक्षिण अफ्रीकन क्रिकेट टीम की प्रायोजक रही और 2003 में पूरी टीम को लेकर अजय गुप्ता सहारनपुर पहुंचे थे। साल 2009 में जब ललित मोदी इंडियन क्रिकेट की सबसे ग्लैमरस लीग आईपीएल को दक्षिण अफ्रीका ले गए थे तो उसकी काफी हद तक व्यवस्था गुप्ता बंधुओं ने ही की थी।
गुप्ता बंधुओं के कारोबार पर दक्षिण अफ्रीका में 2015 से विवादों का साया पड़ने लगा था। मामले ने तूल जब पकड़ा, तब राजनीति प्रभावित होने लगी और जर्मनी की एक दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी को रिश्वत देने का मामला पहले उछला। आरोप था कि गुप्ता बंधुओं की एक कंपनी को जर्मनी कंपनी ने 70 लाख यूरो की रिश्वत दी, जिसके बदले में दक्षिण अफ्रीका की एक सरकारी कंपनी से उसे कारोबार करने का मौका मिला। जून 2017 में दक्षिण अफ्रीका के मीडिया में 2 लाख ईमेल लीक हुए। इनमें गुप्ता ब्रदर्स की कंपनियों के कर्मचारियों के ई-मेल भी थे, जिनमें यूरोप की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी से रिश्वत मिलने के मेल भी थे, जो वितरक भत्ते के तौर पर दी गई। इसके बाद जर्मनी की कंपनी ने अपने चार मैनेजिंग डायरेक्टर को हटा दिया और जांच बैठा दी। साथ ही जर्मनी ने गुप्ता बंधुओं की कंपनियों के खाते सीज कर दिए थे। दो साल पहले अमेरिका ने भी इन्हें ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा की। माना जाता है कि साउथ अफ्रीका में रहते हुए इन्होंने अमेरिका के मुकाबले यूरेनियम आपूर्ति में रूस को प्राथमिकता दी थी। पिछले कई सालों से अजय गुप्ता रूस में सक्रिय बताए जाते हैं।
गुप्ता परिवार अब सहारनपुर में अक्षरधाम से बड़ा मंदिर बनवा रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि सहारनपुर के एक ज्योतिष शास्त्री दावा करते हैं कि इसके बाद से उनका समय खराब चल रहा है जिसका उपाय किया जाना चाहिए। गुप्ता ब्रदर्स अपने पिता दिवंगत शिवकुमार गुप्ता की याद में सहारनपुर में 300 करोड़ रुपये की लागत से अक्षरधाम से बड़ा और आधुनिक भव्य मंदिर शिवधाम बनवा रहे हैं। मंदिर के साथ ही गर्ल्स इंटर कालेज, साइकिल ट्रैक और स्टेडियम भी बनवाया जा रहा है। एक आधुनिक वृद्धाश्रम पहले से चला रहे हैं। शहर में कूड़े से बिजली बनाने का संयत्र लगाने की योजना भी है। इनके पिता शिवकुमार गुप्ता सहारनपुर के रानी बाजार में सरकारी राशन डिपो चलाते थे।
अभी गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका में ओकबे रिसोर्स एंड एनर्जी, टिगेटा एक्सप्लोरेशन एंड रिसोर्सेज, शिवा यूरेनियम माइन, वेस्टडॉन इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेआईसी माइनिंग सर्विसेज एंड ब्लैक एज एक्सप्लोरेशन, दि न्यूज एज न्यूजपेपर (टीएनए मीडिया प्राइवेट लिमिटेड) और अफ्रीकन न्यूज नेटवर्क जैसी कंपनियों के मालिक हैं।
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