श्रीलंकाई नौसेना ने फिर तमिलनाडु के 19 मछुआरों को गिरफ्तार किया, मछुआरा संघों में केंद्र के खिलाफ रोष
तमिलनाडु के कई मछुआरे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने और श्रीलंकाई जल में अवैध शिकार करने के आरोप में श्रीलंका में न्यायिक हिरासत में हैं। चार दिन पहले भी श्रीलंकाई नौसेना ने थंगाचीमादम और रामेश्वरम के 23 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था।
श्रीलंकाई नौसेना ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने और श्रीलंकाई जल में अवैध 'शिकार' के आरोप में गुरुवार तड़के तमिलनाडु के 19 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया। कुछ दिन पहले भी श्रीलंकाई नौसेना ने 23 मछुआरों को गिरफ्तार किया था। मछुआरा संघ ने घटना पर रोष जताते हुए केंद्र सरकार से मछुआरों को रिहा कराने की मांग की है।
ताजा घटना में भारतीय मछुआरों को नेदुनथीवु के पास गहरे समुद्र से गिरफ्तार किया गया और उनकी नावें जब्त कर ली गईं। गिरफ्तार मछुआरे रामेश्वरम और थंगाचीमादम की मछली पकड़ने वाली बस्तियों से हैं। तमिलनाडु मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार मछुआरे दो नावों में नेदुनथीवु द्वीप के पास मछली पकड़ने में लगे हुए थे। नौकाओं का स्वामित्व एलेक्स और एंटोन शशिकुमार के पास है।
तमिलनाडु के मत्स्य पालन अधिकारियों ने कहा कि सभी 19 मछुआरों को आगे की जांच के लिए कांकेसंथुरई बंदरगाह ले जाया गया है। राजनीतिक दलों और मछुआरा संघ के नेताओं ने श्रीलंकाई नौसेना की इस कार्रवाई की निंदा की है और केंद्र सरकार से रोष जताते हुए मछुआरों को द्वीप राष्ट्र से रिहा कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु के कई मछुआरे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने और श्रीलंकाई जल में अवैध शिकार करने के आरोप में श्रीलंका में न्यायिक हिरासत में हैं। चार दिन पहले श्रीलंकाई नौसेना ने थंगाचीमादम और रामेश्वरम के 23 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके विरोध में मछुआरे अगले दिन समुद्र में नहीं गये। लगभग एक करोड़ रुपये की लागत वाली करीब 150 मशीनीकृत नावें श्रीलंकाई अधिकारियों की हिरासत में हैं। मछुआरा संघों द्वारा अपनी अगली कार्रवाई पर तटीय जिले में एक तत्काल बैठक आयोजित करने की संभावना है।
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