झूठ फैलाना ही 'मोदी की गारंटी'! कांग्रेस अध्यक्ष का पीएम पर जोरदार पलटवार, पूछे ये 9 सवाल
राहुल गांधी ने भी मोदी के भाषण पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि चुनावी मंच हो या संसद, प्रधानमंत्री का हर भाषण सिर्फ ‘झूठ का अंबार’ होता है। वह अपने झूठ, अपनी तालियों और अपनी मीडिया के बीच इतने मग्न हैं कि जनता से जुड़ा हर सवाल उन्हें क्रोधित कर देता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी के भाषण पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि संविधान को नहीं मानने वाले, जो दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल नहीं हुए वो लोग आज कांग्रेस को राष्ट्रभक्ति का ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि झूठ फैलाना ही 'मोदी की गारंटी' है!
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी जी ने यूपीए सरकार के बारे में अनगिनत झूठी बातें कहीं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं-
1. यूपीए के दौरान बेरोजगारी दर 2.2% थी, आपके कार्यकाल में यह 45 साल के उच्चतम स्तर पर क्यों है?
2. यूपीए के 10 वर्षों के दौरान औसत जीडीपी विकास दर 8.13% थी, आपके कार्यकाल में यह केवल 5.6% क्यों है? विश्व बैंक के मुताबिक 2011 में ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था
हमने 10 वर्षों में 14 करोड़ लोगों को (सिर्फ बहुआयामी नहीं) गरीबी से बाहर निकाला। इधर-उधर से भाषण निकालकर आप केवल झूठ फैला रहे हैं!
3. भारत ने डिजिटल परिवर्तन में जो प्रगति की है, उसकी नींव यूपीए ने आधार-डीबीटी-बैंक खाता ढांचे के तहत रखी थी। हमने 2014 तक 65 करोड़ आधार कार्ड पहले ही नामांकित कर लिए थे। डीबीटी-पहल के तहत सब्सिडी का सीधा हस्तांतरण शुरू हो गया था। स्वाभिमान योजना के तहत हमने गरीबों के 33 करोड़ बैंक खाते भी खोले।
4. मोदी जी ने PSUs के बारे में कुछ कहा। हम याद दिला दें कि आपकी "बेचो और लूटो" नीति के कारण अप्रैल 2022 तक 147 सार्वजनिक उपक्रमों का पूर्ण/आधा/या आंशिक निजीकरण हो गया है।
5. सरकार में 30 लाख पद खाली हैं और सबसे ज्यादा एससी, एसटी, ओबीसी के पद खाली हैं। अकेले 5 मंत्रालयों- रेलवे, इस्पात, नागरिक उड्डयन, रक्षा (सैनिकों के बिना) और पेट्रोलियम में लगभग 3 लाख पद खाली हैं।
6. आपने एकलव्य स्कूलों की बात तो की, लेकिन ये नहीं बताया कि उनमें 70% शिक्षक कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर ही हैं।
7. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 10 वर्षों में हमारे निर्यात और आयात के बीच का अंतर 3 गुना बढ़ गया है और इस तथ्य को जानने के बावजूद, सरकार इसे एक समस्या के रूप में स्वीकार नहीं करती है और कोई सुधारात्मक उपाय नहीं करती है।
मोदी जी, आपने दोनों सदनों में अपने भाषणों में सिर्फ कांग्रेस को कोसा।
8. 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वह अपने बारे में बात करने के बजाय सिर्फ कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हैं। आज भी उन्होंने महंगाई, बेरोज़गारी और आर्थिक असमानता पर कोई बात नहीं की?
9. दरअसल सरकार के पास कोई डेटा नहीं है। एनडीए का मतलब ही है "कोई डेटा उपलब्ध नहीं" सरकार। जनगणना 2021 आयोजित नहीं की गई है, कोई रोजगार डेटा नहीं है, कोई स्वास्थ्य सर्वेक्षण नहीं है। सरकार सारे आंकड़े छुपाती है और झूठ फैलाती है।
"मोदी की गारंटी" सिर्फ झूठ फैलाने के लिए है!
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी के भाषण पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि चुनावी मंच हो या संसद, प्रधानमंत्री का हर भाषण सिर्फ ‘झूठ का अंबार’ होता है। वह अपने झूठ, अपनी तालियों और अपनी मीडिया के बीच इतने मग्न हो गए हैं कि जनता से जुड़ा हर सवाल उन्हें क्रोधित कर देता है। क्रोध विकास की नहीं, विनाश की गारंटी है।
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत जवाहरलाल नेहरू पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि पीएम भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के सबसे बड़े प्रशंसक हैं। क्या पीएम ने द डिस्कवरी ऑफ इंडिया, ग्लिंप्सेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री और लेटर्स फ्रॉम ए फादर टू हिज डाउटर को पढ़ा है। अगर पढ़ा होता तो उन्हें पता होता कि बौद्धिक स्तर पर, जवाहरलाल नेहरू बहुत खुले विचारों वाले थे। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रियों और अन्य मंत्रियों से खुली चर्चा की। चर्चा के दौरान प्रस्तुत विचार निर्णायक नहीं होते।.यदि आप किसी बात को संदर्भ से बाहर ले जाकर उसका कुछ भी अर्थ निकालने का प्रयास करते हैं, तो आप उसका कुछ भी अर्थ निकाल लेते हैं। जवाहरलाल नेहरू ने अपने जीवनकाल में जो कुछ भी लिखा, यदि उन्होंने उसे पूरा पढ़ा होता तो वे नेहरू के व्यक्तित्व को अवश्य समझ पाते।
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