सोहराबुद्दीन एनकाउंटर: कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों को किया बरी, सीबीआई नहीं पेश कर पाई सबूत
मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोप सिद्ध करने के लिए सबूत की जरूरत होती है, लेकिन सीबीआई आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सबूत पेश नहीं कर पाई।
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 13 साल बाद मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने इस मामले में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि सोहराबुद्दीन की मौत गोली लगने से हुई थी। कोर्ट ने कहा कि 22 आरोपियों में से किसकी गोली से सोहराबुद्दीन की मौत हुई थी यह सिद्ध नहीं हो पाया, इसलिए सभी आरोपियों को बरी किया जा रहा है। कोर्ट में सीबीआई यह साबित नहीं कर पाई कि पुलिसवालों ने सोहराबुद्दीन को हैदराबाद से अगवा किया था।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वह असहाय महसूस कर रहा है कि तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी। कोर्ट ने कहा कि आरोप सिद्ध करने के लिए सबूत की जरूरत होती है। लेकिन सीबीआई आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने कहा, “सरकारी मशीनरी और अभियोजन पक्ष ने बहुत सारे प्रयास किए, 210 गवाहों को लाया गया, लेकिन संतोषजनक सबूत नहीं मिल पाए। ऐसे में अगर गवाह नहीं बोलते हैं तो अभियोजक की क्या गलती है।” इस मामले की आखिरी बहस 5 दिसंबर को खत्म हुई थी।
2005 में सोहराबुद्दीन एनकाउंटक के बाद देश की राजनीति काफी गरम गई थी। मामले की सुनवाई गुजरात में चल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि गुजरात में इस केस को प्रभावित किया जा रहा है, इसलिए 2012 में केस को मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था। और अब काफी सालों बाद इस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
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