'यूपी में का बा’ की सिंगर नेहा सिंह राठौर को मिला 'इप्टा' का समर्थन, पुलिस नोटिस को तत्काल वापस लेने की मांग
आईपीटीए के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई को ''भयभीत करने वाला और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरा'' करार दिया है।
इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (आईपीटीए) की राष्ट्रीय समिति ने भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को उनके लोकप्रिय गीत 'यूपी में का बा' पर पुलिस नोटिस दिए जाने की निंदा की है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। आईपीटीए के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई को ''भयभीत करने वाला और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खतरा'' करार दिया है।
उन्होंने कहा कि आईपीटीए की राष्ट्रीय समिति ने अपनी राज्य और जिला इकाइयों से नेहा के समर्थन में एकजुटता कार्यक्रम आयोजित करने और नोटिस वापस लेने के लिए राज्य सरकार को ज्ञापन भेजने का आग्रह किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि आईपीटीए को इस बात का गर्व है कि नेहा 17-19 मार्च, 2023 तक झारखंड में आयोजित होने वाले उसके 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन और सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बनेंगी।
वहीं गुरुवार को नेहा सिंह राठौर ने यूपी पुलिस द्वारा उन्हें नोटिस जारी करने की कार्रवाई पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपी में का बा से उन्हें मिर्ची लग गई है। उन्होंने कहा था कि मैंने एक लोक गायिका के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई है और आगे भी गाती रहूंगी। यूपी में बीजेपी की सरकार है तो सवाल समाजवादी पार्टी से तो पूछूंगी नहीं।
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दरअसल कानपुर देहात में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक घर के गिरने से मां-बेटी की जलने से हुई मौत के मामले पर नेहा सिंह राठौर द्वारा गाए एक गीत पर यूपी पुलिस ने उन्हें नोटिस देते हुए जवाब मांगा है। पुलिस ने गीत के बोल और गीत गाने की सत्यता को लेकर सवाल किए हैं। साथ ही कहा है कि उनका यह गीत समाज में वैमनस्यता फैलाने वाला है।
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