सिलक्यारा टनल हादसा: अब सिर्फ छह मीटर की बची है ड्रिलिंग, चमत्‍कार की घड़ी नजदीक

केंद्र से सात सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम भी सिलक्यारा पहुंच चुकी है। इसमें कई टेक्निकल एक्सपर्ट शामिल हैं। इस टीम के साथ केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। सिलक्यारा की टनल में अभी सिर्फ 6 मीटर ड्रिलिंग बची है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

सिलक्यारा टनल हादसे का आज12वां दिन है। रेस्क्यू ऑपरेशन भी अब जल्द ही पूरा होने वाला है। अब बस कुछ ही घंटों के बाद 12 दिनों से टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया जायेगा। टनल के बाहर सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। 41 एम्बुलेंस टनल के बाहर खड़ी हुई है। डॉक्टरों की भी टीम यहां मौजूद हैं

प्रदेश के मुखिया यानी मुख्यमंत्री धामी कल रात ही उत्तरकाशी पहुंच गए थे। उन्होंने रात में सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया था। 41 मजदूरों के टनल से बाहर आने के साक्षी खुद मुख्यमंत्री धामी बनेंगे। सीएम धाम खुद रेस्क्यू स्थल पर डटे हैं। चिनूक हेलीकॉप्टर भी चिन्यालीसौड़ में लैंड कर चुका है। सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों में से किसी को स्वास्थ्य कारणों से अगर एयरलिफ्ट करने की जरूरत होगी तो इसके लिए चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है।


केंद्र से सात सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम भी सिलक्यारा पहुंच चुकी है। इसमें कई टेक्निकल एक्सपर्ट शामिल हैं। इस टीम के साथ केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। सिलक्यारा की टनल में अभी सिर्फ 6 मीटर ड्रिलिंग बची है। उम्मीद है कि आज सभी 41 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा। अभी मजदूरों को रेस्क्यू करने में पांच से 6 घंटे लग सकते हैं। रेस्क्यू टीम मजदूरों से कुछ ही मीटर की दूरी पर है।

हालांकि कल रात ड्रिलिंग करते समय कोई चीज मशीन से टकराई थी, इसके कारण थोड़ी देर के लिए ड्रिलिंग का काम बाधित हुआ था। फिलहाल टनल में ड्रिलिंग का काम जिस सरिया के बीच में आने से रुक गया था, उसे काट दिया गया है और अब तेजी से ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही दिक्कतों को दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा कर लिया जाएगा।

अधिकारी भास्कर खुल्बे ने मजदूरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया सभी 41 मजदूर अच्छी हालत में हैं। सभी को खाना पीना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा किसी भी हालात से निपटने के लिए टनल के बाहर मेडिकल, एनडीआरएफ और जरूरी टीमों की तैनीती की गई है। दूसरी तरफ जिले के सभी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है। देहरादून से भी कई विशेषज्ञ डॉक्टरों को चिन्यालीसौड़ बुलाया गया है। इसके साथ एंबुलेंस की 41 गाड़ियां मौके पर हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को देखते हुए दिल्ली से भी सात सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम सिलक्यारा पहुंच चुकी है। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी टीम के साथ उत्तरकाशी पहुंचे हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी एयरलिफ्ट के लिए चिनूक की तैनाती भी की गई है।


आपको बता दें कि, 12 नवंबर की सुबह से 41 मजदूर सिलक्यारा की टनल में फंसे हैं। इनमें सबसे ज्यादा श्रमिक झारखंड के 15 हैं। उत्तर प्रदेश के 8 मजदूर सुरंग में फंसे हैं। ओडिशा के पांच और बिहार के चार श्रमिक टनल में हैं। पश्चिम बंगाल के 3 और असम के 3 लोग टनल में फंसे हैं। उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर भी पिछले 12 दिन से सिलक्यारा की टनल में फंसे हुए हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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