दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से फिर मच सकता है कोहराम, 700 की जगह सिर्फ 487 मीट्रिक टन मिली सप्लाई
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि 5 मई को दिल्ली को पहली बार 730 टन ऑक्सीजन मिली, लेकिन उसके बाद फिर से 6 मई को 577 मीट्रिक टन और 7 मई को 487 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है। ऐसे में सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई बहाल रखना काफी मुश्किल है।
दिल्ली में एक बार फिर गंभीर ऑक्सीजन संकट खड़ा हो सकता है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि दिल्ली को फिर से कम ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अदालती आदेश के बावजूद दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो सकी है। दिल्ली सरकार का दावा है कि बीते 24 घंटे के दौरान दिल्ली को 700 की बजाय 487 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि 5 मई को दिल्ली को पहली बार 730 टन ऑक्सीजन मिली। उसके लिए हम केंद्र सरकार के सुख शुक्रगुजार हैं, लेकिन उसके बाद फिर से 6 मई को 577 मीट्रिक टन मिली और 7 मई को 487 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है। 487 मीट्रिक टन के आधार पर हमारे लिए सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई बहाल रखना काफी मुश्किल है।
मनीष सिसोदिया के मुताबिक दिल्ली के हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार से मदद मिल रही है। दिल्ली में इस वक्त जितने हॉस्पिटल और जितने बेड, कोविड के लिए उपलब्ध हैं उनमें करीब 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है। 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मौजूदा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन की खपत है। हम पहले ही कह चुके हैं कि अस्पतालों में भर्ती रोगियों के लिए कम से कम 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोज चाहिए ही। हमें अन्य रोगियों के लिए भी सुविधाओं का विस्तार करना है, जिसके लिए और ऑक्सीजन की आवश्यकता है। इसलिए केंद्र सरकार से हमारी अपील है कि कम से कम 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तो दिल्ली को मुहैया कराई जाए।
प्रत्येक राज्य में अस्पताल और उसमें भर्ती रोगियों और बेड की गिनती की जाती है, जिसके आधार पर ही ऑक्सीजन का कोटा तय किया जाता है। इन्हीं रोगियों के आधार पर दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने की बात कही गई थी। हालांकि, दिल्ली सरकार का कहना है कि अभी तय कोटा के अनुसार ऑक्सीजन नहीं मिल रही है।
दिल्ली सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार से हमारी विनती है कि दिल्ली को प्रतिदिन कम से कम 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन जरूर मुहैया कराई जाए। सिसोदिया ने कहा कि बढ़ते कोरोना मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों में ऑक्सीजन की आवश्यकता है। इसी तरह दिल्ली में भी अस्पतालों में भर्ती हजारों कोरोना रोगियों के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है।
मनीष सिसोदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भारत एक ऑक्सीजन सरप्लस वाला देश है। भारत की क्षमता 7 हजार मीट्रिक टन की है, लेकिन अभी भारत में 10 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन के प्रबंधन की आवश्यकता है। जिस प्रकार पहले ऑक्सीजन को दिल्ली लाने में सहयोग मिला यदि इसी प्रकार सहयोग मिले तो दिल्ली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
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