गाजीपुर बॉर्डर से कीलें हटाने को लेकर दिल्ली पुलिस का चौंकाने वाला बयान, कहा- इसका इस्तेमाल होगा लेकिन...

दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए लगाई गई नुकीसी कीलों को गुरुवार को हटा दिया है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने इससे इनकार किया है।

फोटो: IANS
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रवि प्रकाश @raviprakash24

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली से सटे सीमाओं पर पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से प्रदर्शन कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन के तीन मुख्य केंद्र हैं, लेकिन हाल के दिनों में गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल ज्यादा देखने को मिला है। कई राजनीतिक दलों के नेता किसानों से मिलने पहुंच चुके हैं। आज (गुरुवार) सुबह भी गाजीपुर बॉर्डर पर विपक्षी नेताओं का दल किसानों ने मिलने पहुंचा। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें किसानों से मिलने की इजाजत नहीं दी।

इस बीच खबर आई कि दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए लगाई गई नुकीसी कीलों को गुरुवार को हटा दिया है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने इससे इनकार किया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम गाजीपुर से कील हटा नहीं रहे हैं, बल्कि कुछ जगहों पर पब्लिक जो आने-जाने वाली है उसको परेशानी न जो इसलिए हम कील की री-पोजिशनिंग कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि बॉर्डर पर तैयारियां पहले जैसी ही है।


इससे पहले सुबह करीब 11 बजे इन कीलों को हटा लिया गया। जो लोग ये कीलें हटा रहे थे, उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया। वहीं कर्मचारियों के साथ एक दिल्ली पुकिसकर्मी भी था जो कि इस पूरे मसले पर चुप्पी साधे रखी। वहीं

गाजीपुर बॉर्डर से कीलें हटाने को लेकर दिल्ली पुलिस का चौंकाने वाला बयान, कहा- इसका इस्तेमाल होगा लेकिन...

दिल्ली पुलिस के विपक्षी नेताओं को किसानों से मिलने नहीं देने से नेताओं में काफी आक्रोश है। नेताओं ने पुलिस से किसानों से मिलने के लिए कई बार कहा, लेकिन दिल्ली पुलिस ने एक नहीं सुनी।मजबूरन विपक्षी दलों के नेताओं को बॉर्डर से वापस जाना पड़ा। जब दिल्ली पुलिस ने सभी नेताओं को किसानों से नहीं मिलने दिया, तो एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने आईएएनएस से कहा कि, दिल्ली पुलिस ने हमें किसानों से मिलने के लिए रोका है, हम इस मुद्दे को स्पीकर के सामने उठाएंगे।

विपक्षी नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, एसएडी सांसद हरसिमरत कौर बादल और टीएमसी सांसद सौगत रॉय समेत कई नेता शामिल थे। एसएडी सांसद सुप्रिया सुले ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि, 10 पार्टियों से 15 सांसद गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे।


दरअसल किसानों से मिलने के लिए 10 विपक्षी दलों के सांसद गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे थे। लेकिन तारबंदी और बैरिकेडिंग के साथ लगी नुकीली कीलों से वह दिल्ली की सीमा से यूपी गेट तक नहीं पहुंच सके थे। आपको बता दें कि 26 जनवरी की हिंसा के बाद संसद सत्र की शुरुआत से ही गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने ना सिर्फ मुख्य सड़कों पर बैरिकेडिंग और रास्तों को कंटीले तारों से रोका था बल्कि आसपास के जंगल वाले इलाके में कंटीले तार लगा दिए थे। ऐसा करने से सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को हो रही है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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Published: 04 Feb 2021, 12:57 PM