पंजाब: अकाली विधायक दल के पद से ढींडसा के इस्तीफे से मची खलबली, खुलेंगे कई राज, बदल जाएगी पार्टी की राजनीति!
परमिंदर सिंह ढींडसा भी अब टकसाली अकाली दल के साथ जाएंगे। बादल परिवार की ओर से तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन परमिंदर सिंह ढींडसा को साथ रखने में कामयाब नहीं हुए। ढींडसा परिवार मालवा में अच्छा जनाधार रखता है और कम से कम 30 सीटों पर पकड़ है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल में नया धमाका हुआ है। विधानसभा में विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने विधायक दल नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी अध्यक्ष सांसद सुखबीर सिंह बादल ने इसे मंजूर कर लिया है। पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा शिरोमणि अकाली दल में बड़े कद के नेता माने जाते हैं। उनके पिता राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा पहले ही अकाली दल को अलविदा कह कर बादल विरोधी टकसाली अकाली दल का दामन थाम चुके हैं।
परमिंदर सिंह ढींडसा भी अब टकसाली अकाली दल के साथ जाएंगे। बादल परिवार की ओर से तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन परमिंदर सिंह ढींडसा को साथ रखने में कामयाब नहीं हुए। ढींडसा परिवार मालवा में अच्छा जनाधार रखता है और कम से कम 30 सीटों पर पकड़ है। परमिंदर की बगावत से अकाली राजनीति सिरे से बदलना तय है। इसलिए भी कि सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा प्रकाश सिंह बादल के सबसे पुराने हिमायतीयों और विश्वासपात्रों में एक रहे हैं।
माना जा रहा था कि सुखदेव सिंह ढींडसा की अलग राह को परमिंदर को साथ रखकर काटा जा सकता है। लेकिन, अकाली दल में हुए इस धमाके ने साफ कर दिया कि ढींडसा परिवार पूरी तरह से बादल परिवार के विरोध में है। बादल परिवार के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि परमिंदर सिंह ढींडसा पार्टी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई राज्य के पूर्व मंत्री विक्रमजीत सिंह मजीठिया के कई ऐसे 'राज' अपने सीने में दबाए हुए हैं जो अगर फाश हुआ तो सभी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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