शशि थरूर ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा- वायनाड भूस्खलन को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करे सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे अपने पत्र में शशि थरूर ने इस त्रासदी में हुई क्षति पर दुख जताया। उन्होंने लिखा- 30 जुलाई को, रात के अंधेरे में वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन आया, जिसमें सौ से अधिक लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। अनगिनत लोग लापता हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

केरल के वायनाड में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इसमें 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे लेकर केंद्रीय गृहमंत्री को चिट्ठी लिखी है। अपील की सरकार वायनाड तबाही को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करे।

इस पत्र में उन्होंने एमपीएलएडीएस योजना के तहत इस त्रासदी को "गंभीर प्राकृतिक आपदा" घोषित करने की मांग की। जिससे स्थानीय सांसद अपने क्षेत्र की आपदा में एक करोड़ रुपए तक पीड़ितों और राहत कार्य में खर्च कर सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे अपने पत्र में उन्होंने इस त्रासदी में हुई क्षति पर दुख जताया। उन्होंने लिखा- 30 जुलाई को, रात के अंधेरे में, केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन आया, जिसमें सौ से अधिक लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। जो अस्पतालों में भर्ती हैं। जबकि अनगिनत लोग लापता हैं। वह मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। यह आपदा अपने पीछे मृत्यु और विनाश की एक भयावह कहानी छोड़ गई है। सशस्त्र बलों के अलावा तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियों से जुड़े बचाव अभियान, प्रकृति की अनिश्चितताओं के खिलाफ अपनी घमासान लड़ाई जारी रखे हुए हैं। भूस्खलन ने अनगिनत जिंदगियों पर कहर बरपाया है और ऐसे में, वायनाड के लोगों को हर संभव सहायता देना बेहद महत्वपूर्ण है।

इससे आगे वह इस त्रासदी को “एमपीएलएडीएस योजना के तहत ‘गंभीर श्रेणी की प्राकृतिक आपदा’ घोषित करने की मांग करते हुए लिखते हैं, “मैं आपको एमपीएलएडीएस दिशा निर्देशों के पैराग्राफ 8.1 के संदर्भ में इस घटना को "गंभीर प्राकृतिक आपदा" घोषित करने के लिए लिख रहा हूं, जो संसद के सदस्यों को एक करोड़ रुपए तक के कार्यों की सिफारिश करने की अनुमति देता है। तब इच्छुक संसद सदस्य इस त्रासदी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उदारतापूर्वक धन का योगदान कर सकेंगे। यह निश्चित रूप से बचाव, राहत और पुनर्वास के श्रमसाध्य प्रयासों का समर्थन करने में अमूल्य होगा।”


बता दें केरल के वायनाड में 30 जुलाई को आए भीषण भूस्खलन में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, कई लोग अब भी इस आपदा में फंसे हुए है। सशस्त्र बलों के अलावा तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

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