शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार की सूखे से निपटने की कोशिश को बताया नाकाफी, संघर्ष शुरू करने की दी चेतावनी

शरद पवार ने कहा कि मैं राज्य सरकार से सूखा जैसी स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने की अपील करता हूं। लेकिन बदलाव जमीन पर नहीं दिखने की स्थिति में, मैं इस मुद्दे पर संघर्ष करने के लिए मजबूर होऊंगा।

शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार की सूखे से निपटने की कोशिश को बताया नाकाफी (फोटोः @PawarSpeaks)
शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार की सूखे से निपटने की कोशिश को बताया नाकाफी (फोटोः @PawarSpeaks)
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पीटीआई (भाषा)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार की सूखे की स्थिति से निपटने की कोशिश अपर्याप्त है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो ‘संघर्ष’ शुरू किया जा सकता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने सूखे की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि बांधों में जलस्तर नीचे चला गया है और राज्य के कई इलाकों में पानी की भारी कमी है।

शरद पवार ने पत्र में कहा, ‘‘छत्रपति संभाजीनगर में 24 मई को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मैंने राज्य में सूखा जैसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने की बात की थी। आपने (मुख्यमंत्री) भी मराठवाड़ा इलाके में सूखे की स्थिति की समीक्षा की लेकिन जनप्रतिनिधि और मंत्री समीक्षा बैठक में नदारद थे।’’ उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार सूखे की स्थिति से निपटने के लिए पूरी कोशिश नहीं कर रही है।


शरद पवार ने कहा कि गत दस दिन में सूखे की स्थिति और विकराल हुई है और बांधों में जलस्तर तेजी से कम होने से कई इलाकों में गंभीर जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।उन्होंने कहा, ‘‘टैंकर की संख्या 1,100 से ऊपर हो गई है और पानी तथा चारे के कमी की वजह से मवेशियों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।’’

पवार ने आरोप लगाया कि जल संकट की वजह से बागवानी के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है लेकिन राज्य सरकार ने उचित कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकार से सूखा जैसी स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने की अपील करता हूं। लेकिन बदलाव जमीन पर नहीं दिखने की स्थिति में, मैं इस मुद्दे पर संघर्ष करने के लिए मजबूर होऊंगा।

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