प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मोदी सरकार के मंत्री समेत 50 एससी-एसटी सांसद लामबंद, पासवान के घर हुई बैठक
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस मसले को लेकर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर दोनों समुदाय के सांसद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने इस मामले में आगे की रणनीति बनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया।
प्रोमोशन में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के सांसद आगे की रणनीति बनाएंगे। इस सिलिसिले में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान के आमंत्रण पर सोमवार को उनके आवास पर एक मिलन समारोह में एससी/एसटी के 50 से अधिक सांसद जुटे।
इस आयोजन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत समेत छह केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। समारोह में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के मसले को लेकर आगे की रणनीति बनाने पर सांसदों ने विचार-विमर्श किया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि राज्य सरकारें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है। शीर्ष अदालत ने बीते सप्ताह अपने फैसले में कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण का दावा करना किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस मसले को लेकर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर दोनों समुदाय के सांसद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने इस मामले में आगे की रणनीति बनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया। सोमवार को ही, इससे पहले राज्यसभा में थावरचंद गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की भलाई के लिए सरकार प्रतिबद्ध
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