‘पद्मावत’ विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ‘पद्मावत’ के खिलाफ दायर याचिका, करणी सेना ने कहा लगाएंगे ‘जनता कर्फ्यू’
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘पद्मावत’ को सीबीएफसी प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की अपील ठुकरा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘पद्मावत’ को दिया गया सीबीएफसी प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील ठुकराई है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को राज्य सरकार की दलीलों को सुना और फिल्म को लेकर उनका जो विरोध था उसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “हम एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में कार्य कर रहे हैं और सुरक्षा देना राज्य का कर्तव्य है। सेंसर बोर्ड एक बार मंजूरी दे चुका है तो उसे रोका नहीं जा सकता।”
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद करणी सेना ने सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में याचिका दायर कर फिल्म ‘पद्मावत’को पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की।
करणी सेना सहित विभिन्न राजपूत संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद प्रदेश में फिल्म के प्रदर्शन का विरोध करने का ऐलान किया है। करणी सेना के अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि राजस्थान के सिनेमा घरों के मालिकों ने पहले ही हमें लिखकर दे रखा है कि वे अपने यहां फिल्म को प्रदर्शित नहीं करेंगे। इसके बावजूद अगर वे फिल्म प्रदर्शित करते हैं तो हम ‘जनता कर्फ्यू’ से इसे रोकेंगे। राजपूत महिलाएं फिल्म पर बैन को लेकर राष्ट्रपति से गुहार लगाएंगी।
लोकेन्द्र सिंह कालवी ने घोषाणा करते हुए कहा कि अगर 25 जनवरी फिल्म पद्मावत रिलीज होती है तो 24 जनवरी को चित्तौड़गढ़ में हजारों महिलाएं जौहर करेंगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी को अगली तारीख जानने के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते है, वहीं निर्देशक संजय लीला भंसाली की याचिका पर तुरंत सुनवाई हो जाती है।
18 जनवरी को फिल्म ‘पद्मावत’ को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने एक सिनेमा हॉल पर हमला किया और पद्मावत फिल्म के पोस्टर फाड़े।
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संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पहले 1 दिसंबर को रिलीज होना था, लेकिन फिल्म में एतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए राजपूत समाज ने देशभर में आंदोलन किया। जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म का नाम बदलकर ‘पद्मावत’ किया और इसमे कई संशोधनों भी किए।
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