गुजरातः व्हाट्सऐप पर फैली अफवाह के चलते एक महिला की गई जान, एक ही दिन में 5 जगहों पर हुई लोगों की पिटाई 

सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहें घातक साबित हो रही हैं। अब गुजरात के अहमदाबाद में एक महिला की पीट-पीट कर जान ले ली गई। मैसेज के कारण प्रदेश में एक ही दिन में 5 जगहों पर भीड़ ने लोगों पर हमला किया है।

फोटो: DW
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व्हाट्सऐप पर जब लोग कोई संदेश भेजते हैं, तो उसमें न तो कोई तारीख लिखी होती है और न ही भेजने वाले का कोई अता-पता। ऐसे में फॉरवर्ड की जा रही खबर कब की है और सच्ची है भी या नहीं, इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती। लेकिन अक्सर वे इस तरह के लंबे मैसेज पढ़कर उन पर भरोसा कर लेते हैं। गुजरात में इन दिनों एक मैसेज खूब शेयर किया जा रहा है। मैसेज के अनुसार प्रदेश में 300 ऐसे लोग मौजूद हैं, जो बच्चे चोरी करने के इरादे से वहां आए हैं। इस मैसेज के कारण प्रदेश में एक ही दिन में 5 जगह भीड़ ने लोगों को शक के आधार पर पकड़ कर पीट दिया। एक घटना में 45 वर्षीय एक महिला की जान भी चली गई। इन घटनाओं में एक दिन के भीतर दर्जन भर लोग घायल हुए हैं।

अहमदाबाद के वडाज इलाके में करीब 100 लोगों ने भीख मांगने वाली 3 औरतों पर हमला किया। पुलिस अधिकारी जेए राथवा ने बताया, “जब ये महिलाएं ऑटो रिक्शा में चढ़ने लगीं, तब करीब आधा दर्जन लोगों ने उन्हें घेर लिया और सवाल करने लगे। जल्द ही भीड़ जमा हो गई और शांता देवी और उनकी साथियों को रिक्शा से खींच कर बाहर निकाल लिया गया और लोग उन्हें पीटने लगे।”

उन्होंने आगे बताया, “भीड़ में लोगों ने उन्हें मुक्के और लातें मारीं। कई लोगों ने तो उन्हें छड़ी से भी पीटा और उनके बाल खींचे। इसमें शांता देवी को काफी चोट आई। बाकी तीनों को मामूली चोटें आई हैं।” पास में खड़े एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने इन महिलाओं को भीड़ से बचाया और फिर इन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां शांता देवी को मृत घोषित किया गया। ये सभी महिलाएं राजस्थान की थीं।

अहमदाबाद से 225 किलोमीटर दूर राजकोट में भी इसी तरह की घटना दर्ज की गई। यहां रिश्ते की बात करने महाराष्ट्र से आए एक परिवार पर हमला हुआ। इस हमले में 5 लोगों को चोटें आईं। स्थानीय पुलिस को बीच बचाव करना पड़ा। इसके अलावा अहमदाबाद से करीब 275 किलोमीटर दूर सूरत में भी दो हमले हुए। यहां 5 महिलाओं पर हमला किया गया। एक मामले में महिला अपनी बेटी के साथ थी जब लोगों को लगा कि वे किसी बच्ची का अपहरण कर उसे साथ ले जा रही है। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया, “भीड़ में ज्यादातर पुरुष थे, जिन्होंने महिला से उसकी बेटी को अलग किया क्योंकि उन्हें लगा उसका अपहरण हुआ है।” बाद में भीड़ इन दोनों को पकड़ कर थाने ले आई, जहां साफ हुआ कि वे वाकई में मां बेटी ही थीं और एक पारिवारिक उत्सव के लिए वहां आए थीं।

इन सब घटनाओं में देखा जा सकता है कि लोग किसी भी दूसरे राज्य के व्यक्ति को शक की निगाह से देख रहे हैं। गुजरात पुलिस ने एक बयान जारी कर लोगों से अपील है कि वे सोशल मीडिया पर फैल रहे फेक मैसेज या अफवाहों पर विश्वास ना करें और महज शक के आधार पर किसी पर हमला ना करें। किसी पर भी शक होने पर पुलिस को तुरंत सूचित करें। पिछले दिनों गुजरात समेत भारत के 5 राज्यों में व्हाट्सऐप पर फैली अफवाहों के कारण मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए हैं।

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