मेघालय विधानसभा में राज्यपाल के हिंदी में भाषण पर हंगामा, कई विधायकों ने विरोध में किया वाकआउट
विधायक अर्डेट मिलर बसाइवामोइत ने कहा कि राज्यपाल का हिंदी में भाषण अनुचित इशारा था क्योंकि सदन की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खासी और गारो भाषाओं को मान्यता देने में हिचकिचा रही है और राज्यपाल सदन में हिंदी में बात कर रहे हैं।
मेघालय विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल फागू चौहान के हिंदी में भाषण देने के विरोध में जमकर हंगामा हुआ। हिंदी में भाषण के विरोध में विधायक अर्डेट मिलर बसाइवामोइत सहित वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी (वीपीपी) के चार सदस्य सदन से बाहर चले गए। मामले पर मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि यह अच्छा संकेत नहीं है।
नाराज विधायक अर्डेट मिलर बसाइवामोइत ने तर्क दिया कि राज्यपाल का हिंदी में भाषण देना एक अनुचित इशारा था क्योंकि अंग्रेजी सदन की आधिकारिक भाषा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खासी और गारो भाषाओं को मान्यता देने में हिचकिचा रही है और दूसरी ओर राज्यपाल सदन में हिंदी में बात कर रहे हैं।
भारी हंगामे के बीच भले ही मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और स्पीकर थॉमस संगमा ने दावा किया कि राज्यपाल के भाषण की प्रतियां हिंदी में दी गई थीं, लेकिन विरोध नहीं थमा। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे राज्यपाल को अपना भाषण पूरा करने दें, लेकिन अपना विरोध जारी रखते हुए वीपीपी के चार विधायक कुछ ही देर बाद सदन से बाहर चले गए।
इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि हमारे विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह अच्छा संकेत नहीं है। वहीं राज्यपाल के भाषण का विरोध करने वाले विधायकों ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर स्थानीय भाषाओं के ऊपर हिंदी थोपने की साजिश करने का आरोप लगाया। मेघालय में हाल ही में कोनराड संगमा के नेतृत्व में एनपीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकारी बनी है।
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