योगी के खिलाफ हवा से चिंतित RSS खुलकर मैदान में आया, यूपी चुनाव से पहले पूरे सूबे में निकालेगा तिरंगा यात्रा
संघ ने फैसला लिया है कि उसके स्वयंसेवक विभिन्न संगठनों और समाज के सहयोग से ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की संघर्ष गाथा समाज के सामने लाएंगे। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे वंदेमातरम गायन, तिरंगा यात्रा, विचार गोष्ठियों और नुक्कड़ नाटक का आय़ोजन होगा।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की योगी सरकार के खिलाफ बह रही हवा को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) खुलकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। संघ आजादी के अमृत महोत्सव के बहाने तिरंगा यात्रा निकाल कर भगवा झंडे के पक्ष में माहौल बनाने की तैयारी में जुट गया है।
आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारम्भ महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस 19 नवम्बर को किया जायेगा। अमृत महोत्सव के कार्यक्रम 19 नवम्बर से लेकर 16 दिसम्बर 2021 तक यानि विजय दिवस तक होंगे। संघ ने फैसला लिया है कि उसके स्वयंसेवक विभिन्न संगठनों और समाज के सहयोग से ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की संघर्ष गाथा समाज के सामने लाएंगे। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे वंदेमातरम गायन, तिरंगा यात्रा, विचार गोष्ठियों और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज को बलिदानी वीरों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इसके लिए नगर, खंड और जिला स्तर तक अमृत महोत्सव समिति बन चुकी है। आरएसएस के अवध प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह संजय सिंह ने बताया कि शताब्दियों तक चले निरंतर संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली है। इसलिए स्वतंत्रता के 75 वर्ष का यह अवसर हमें स्वातंत्रय समर को समग्रता के रूप में देखने के लिए अवसर प्रदान करता है। उस समय स्वधर्म, स्वभाषा और स्वदेशी का भाव कैसा था इसके स्मरण का अवसर है।
सह प्रान्त कार्यवाह ने बताया कि अमृत महोत्सव के तहत गांव-गांव भारत माता का पूजन, वंदे मातरम का गायन और तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि सिख धर्म के नौंवें गुरू गुरू तेग बहादुर सिंह की 400वीं जयंती पर स्वयंसेवक बड़े कार्यक्रम और गोष्ठियों का आयोजन करेंगे।
उन्होंने बताया कि कार्यकारी मंडल की बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमलों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है। बांग्लादेश में हिन्दू समाज पर आक्रमण अचानक घटित घटना नहीं है। फर्जी समाचार के आधार पर साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की गयी है। हिन्दू समाज के निर्मूलन का योजनाबद्ध प्रयास था।
कार्यकारीमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव में हिन्दुओं पर हुए हिंसक आक्रमणों पर दुख व्यक्त किया गया है और वहां के हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रही क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षड़यंत्र की घोर निन्दा की गयी है। इसके अलावा बैठक में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक मूल्यों एवं ग्राम विकास से संबंधित विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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