मोदी सरकार के खिलाफ आया संघ समर्थित मजदूर संगठन, ‘सरकार जगाओ सप्ताह’ आयोजित करने का ऐलान
भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि आक्रामक निजीकरण नीति के तहत मोदी सरकार लगातार सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री के साथ रक्षा और रेलवे का भी निजीकरण कर रही है। पूरे देश में सरकार जगाओ सप्ताह के आयोजन के दौरान हर उद्योग से जुड़े संगठन अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाएंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने लेबर सेक्टर से जुड़ी समस्याओं को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीएमएस ने आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए देश भर में 24 से 30 जुलाई तक विभिन्न मांगों को लेकर 'सरकार जगाओ सप्ताह' आयोजित करने का ऐलान किया है।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग में लिए गए इस फैसले की जानकारी बुधवार को महामंत्री विरजेश उपाध्याय ने दी। उपाध्याय ने कहा, "भारतीय मजदूर संघ देश भर में 24 से 30 जुलाई के बीच श्रम क्षेत्र की मांगों को लेकर सरकार जगाओ सप्ताह आयोजित करेगा। हर सेक्टर के अनुसार होने वाला यह कार्यक्रम राज्य की राजधानियों, जिला मुख्यालयों, तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों के साथ बड़े औद्यौगिक क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा।"
बीएमएस के महामंत्री ने कहा, "सरकार जगाओ सप्ताह अभियान को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने पांच ज्वलंत मुद्दों की पहचान की है। इसमें पहला मुद्दा है असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों की समस्याएं। अभी ये समस्याएं ठीक से दूर नहीं हुईं हैं। इसी तरह लंबित मजदूरी और वेतन-भत्ते आदि का भुगतान, बढ़ती बेरोजगारी की समस्या, श्रम कानूनों का उल्लंघन और कई राज्यों में काम के घंटे बढ़ाए जाने को लेकर भी श्रमिकों में नाराजगी है।”
भारतीय मजदूर संघ के नेता ने कहा कि आक्रामक निजीकरण नीति के तहत केंद्र सरकार लगातार सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री के साथ रक्षा और रेलवे का भी निजीकरण कर रही है। सरकार जगाओ सप्ताह के आयोजन के दौरान हर एक उद्योग से जुड़े फेडरेशन और राज्य की इकाई अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को इस दौरान उठाएगी।
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