रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी का कानपुर में निधन, करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले का लगा था आरोप
विक्रम कोठारी पर 2017 में 3,695 करोड़ के बैंक फ्रॉड का आरोप लगा था। तब उन्हें और उनके बेटे राहुल को गिरफ्तार किया गया था। बाद में मेडिकल ग्राउंड पर विक्रम कोठारी को बेल मिल गई थी। लेकिन मार्च में उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसके बाद से वह बीमार चल रहे थे।
उत्तर प्रदेश के जानेमाने उद्योगपति और रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी का मंगलवार सुबह कानपुर में तिलक नगर स्थित आवास 'संतुष्टि' में निधन हो गया। कोठारी शहर के बड़े व्यवसायियों में से एक थे। उनकी मौत की खबर मिलते ही उनके घर पर शहर के कारोबारी और नेताओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
घर के नौकरों ने सुबह में उन्हें उनके कमरे में बेहोश पाया और डॉक्टर को बुलाया जिन्होंने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत संभवत: ब्रेम हेमरेज होने की संभावना जताई जा रही है। नौकरों ने सबसे पहले उनकी मौत की सूचना पत्नी साधना को दी, जो लखनऊ में थीं। विक्रम कोठारी का बेटा राहुल कोठारी गबन के आरोप में अभी जेल में बंद है।
विक्रम कोठारी जाने-माने दिवंगत उद्योगपति मनसुख लाल महादेव भाई कोठारी के बेटे हैं। एमएम कोठारी ने पान पराग की नींव रखी। दम पान मसाला का कारोबार देख रहे बेटे विक्रम कोठारी ने 1995 में रोटोमैक पेन लॉन्च कर एक और कंपनी शुरू की थी। एमएम कोठारी के निधन के बाद उनकी विरासत दो बेटे विक्रम और दीपक के हाथ में आ गई थी। विक्रम ने रोटोमैक संभाला और दीपक ने पान मसाले के बिजनेस को आगे बढ़ाया।
साल 2017 में विक्रम कोठारी पर 3,695 करोड़ के बैंक फ्रॉड के आरोप लगे थे। तब उन्हें और उनके बेटे राहुल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी के 14 बैंक अकाउंट अटैच कर दिए थे। यह कार्रवाई बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर की गई थी। बाद में मेडिकल ग्राउंड पर विक्रम कोठापी को जमानत मिल गई थी। लेकिन मार्च में उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसके बाद से वह लगातार बीमार चल रहे थे।
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