गर्मी और रमज़ान में बाजारों से गायब रूह अफज़ा जल्द लौटेगा, कंपनी ने किया ऐलान, पारिवारिक कलह को बताया झूठ
रमज़ान का पाक महीना चल रहा है। ऐसे में रूह अफज़ा शर्बत की जबरदस्त डिमांड होती है। लेकिन, इस साल बाजार में रूह अफज़ा गायब है। कंपनी ने दावा किया है कि एक हफ्ते के अंदर सप्लाई और डिमांड को खत्म कर देंगे।
गर्मी और रमज़ान के दौरान गायब रूह अफज़ा शर्बत जल्द ही बाजार में लौटने वाला है। यह दावा हमदर्द के मार्केटिंग ऑफिसर और चीफ सेल्स मंसूर अली ने की है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से रूह अफज़ा की कमी को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर यह भी अफवाह चल रही थी कि कंपनी के पारिवारिक विवाद के कारण अप्रैल से इसका प्रोडक्शन बंद है।
इसको लेकर हमदर्द के मार्केटिंग ऑफिसर और चीफ सेल्स मंसूर अली ने कहा, “हम कुछ हर्बल सामानों की सप्लाई में कमी का सामना कर रहे हैं लेकिन जल्द ही इससे उबर जाएंगे। हमें उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर सप्लाई-डिमांड में अंतर को पाट दिया जाएगा।” उन्होंने कहा, “हम कई महीनों का कच्चा माल स्टॉक में रखते हैं, लेकिन इस बार कुछ कमी हो गई है। जिन हर्बल्स का हम इस्तेमाल करते हैं वे सामान्य रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं।”
साथ ही उन्होंने हमदर्द फाउंडर हकीम हाफिज अब्दुल मजीद के पोते अब्दुल मजीद और उनके चचेरे भाई हामिद अहमद के बीच कंपनी पर नियंत्रण को लेकर छिड़ी जंग को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बंटवारे को लेकर चर्चा पूरी तरह निराधार है। यह सब अफवाह है।
हालांकि इससे पहले गायब रूह अफज़ा शर्बत को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर ट्वीट किया। शबाना आजमी ने ट्वीट कर कहा, “ जब मुझे पता चला कि रूह अफज़ा कंपनी का विवाद कोर्ट में चल रहा है तभी मैं रूह अफज़ा खरीद कर रख लिया।”
एक यूजर ने ट्वीट कर कहा, “सालों से रूह अफज़ा इफ्तार का अहम हिस्सा रहा है। आज हर कोई रूह अफज़ा को मिस कर रहा है।
दूसरी ओर पाकिस्तानी कंपनी हमदर्द ने भारत में रूह अफज़ा की आपूर्ति की पेशकश की है। कंपनी ने यह प्रस्ताव पवित्र मुस्लिम महीने रमजान के दौरान गर्मी में ताजगी लाने वाले इस शरबत की कमी की मीडिया रिपोर्ट के बाद दिया है। हमदर्द पाकिस्तान के मुख्य कार्यकारी उस्मा कुरैशी ने रूह अफज़ा पेय की भारत को वाघा सीमा के जरिए आपूर्ति का प्रस्ताव दिया।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “हम इस रमजान के दौरान भारत में रूह अफज़ा और रूहअफ्जागो की आपूर्ति कर सकते हैं। यदि भारतीय सरकार द्वारा अनुमति दी जाती है तो हम वाघा सीमा से ट्रकों को आसानी से भेज सकते हैं।”
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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