ऋषिकेशः BJP नेता का बेटा भाई को खास सेवा देने के लिए अंकिता पर डाल रहा था दबाव, DGP का बड़ा खुलासा

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अंकिता भंडारी के मोबाइल से मिले स्क्रीनशॉट से पुलिस को कुछ अहम सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि अंकिता पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसी गलत काम को लेकर इस जघन्य घटना को अंजाम दिया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ऋषिकेष के अंकिता भंडारी हत्याकांड में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने खुलासा किया है कि बीजेपी नेता का बेटा और रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर अपने भाई अंकित आर्य को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया था। डीजीपी कुमार के कहा कि अंकिता भंडारी के मोबाइल से मिले स्क्रीनशॉट से पुलिस को कुछ अहम सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि अंकिता पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसी गलत काम के दबाव को लेकर आपस में झगड़ा हुआ होगा और उसके बाद इस जघन्य घटना को अंजाम दिया गया।

जानकारी के मुताबिक रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य और अन्य आरोपी अंकिता पर होटल ग्राहकों से शारीरिक सम्बन्ध बनाने का दबाव बनाते थे। ये बात अंकिता ने अपने कुछ साथियों को बता दी थी। इसी को लेकर अंकिता और आरोपितों के बीच 18 सितंबर को विवाद हुआ था। जिसके बाद सभी आरोपी उसे अपने साथ दोपहिया वाहन में घुमाने के लिए ले गए। रास्ते में तीनों के साथ अंकिता की दोबारा कहासुनी हुई। इस दौरान उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिससे अंकिता को धक्का लगा और वो नहर में गिर गई। आरोपित अंकिता को ऐसे ही छोड़ वापस रिसॉर्ट आ गए और सबको नई कहानी सुनाई। तीनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपराध कबूल कर लिया।


पुलिस के अनुसार आरोपी सौरभ ने बताया, "18 सितंबर की शाम पुलकित और अंकिता रिजॉर्ट में थे, तब दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इस पर पुलकित ने कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं। चारों एक बाइक और एक स्कूटी से रिजॉर्ट से निकले। हम लोग बैराज होते हुए एम्स के पास पंहुचे। तब बैराज चौकी से करीब 1.5 किमी दूर पुलकित अंधेरे में रुका तो हम भी रुक गए। उसके बाद वहां हमने शराब पी और मोमो खाए।

सौरभ ने आगे बताया, "हम अंकित और पुलकित चीला रोड पर नहर के किनारे बैठे हुए थे। तभी दोबारा अंकिता और पुलकित के बीच विवाद हुआ। पुलकित ने कहा कि अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती है। हमारी बातें अपने साथियों को बताती है कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं। इस पर अंकिता गुस्सा हो गई और उससे हमारी झड़प हो गई। तब अंकिता ने कहा कि मैं रिजॉर्ट की हकीकत सबको बता दूंगी और इतना कहकर उसने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया। इस पर हमें गुस्सा आ गया। हम नशे में थे, पता नहीं चला कि हम क्या कर रहे हैं। अंकिता हमसे हाथापाई करने लगी तो हमने गुस्से में उसे धक्का दे दिया और वह नहर में गिर गई।"

सौरभ ने आगे बताया कि "हम घबरा गए और प्लान के तहत रिजॉर्ट पहुंचे। इसके बाद शेफ मनवीर से अंकिता के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो हमारे साथ नहीं थी। प्लान के तहत अंकित ही खाना लेकर अंकिता के कमरे में गया और खाना रखकर आ गया। अगली सुबह पुलकित और अंकित गुप्ता हरिद्वार चले गये और हरिद्वार से पुलकित ने नया मोबाइल और अपने जियो नंबर का डमी सिम खरीदा। प्लान के तहत पुलकित ने हमारे रिसॉर्ट में काम करने वाले सौरव बिष्ट को कहा कि अंकिता को कमरे में जाकर उसका फोन ले आओ ताकि सौरव बिष्ट कमरे में जाए और हमें बताए कि अंकिता कमरे में नहीं है।"

पुलिस के अनुसार, हुआ भी कुछ ऐसा ही। फिर पुलकित ने ही अंकिता के गुम होने की एफआइआर दर्ज कराई। किसी को शक न हो इसलिए आरोपियों ने ही अंकिता भंडारी की गुमशुदगी की प्राथमिकी भी दर्ज करवाई थी। इसके बाद आरोपियों ने प्लान किया कि तीनों एक जैसे बयान देंगे। इसके लिए तीनों आरोपियों ने सोच समझकर घटना की टाइमिंग सेट की।

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