पीएम को पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों को देशद्रोह के आरोप से राहत, बिहार पुलिस ने शिकायत को झूठा करार दिया
मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को पत्र लिखने पर देशद्रोह का केस झेल रहीं देश की 49 हस्तियों को बड़ी राहत देते हुए बिहार पुलिस ने शिकायत को झूठा करार दिया है। मुजफ्फरपुर एसएसपी ने अपनी समीक्षा में केस को झूठा बताते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ एक्शन का आदेश दिया है।
बिहार के मुजफ्फरपुर की एक कोर्ट के आदेश पर दर्ज देशद्रोह का केस झेल रहीं देश की 49 मशहूर हस्तियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। बिहार पुलिस ने मामले को असत्य करार दिया है। मुजफ्फरपुर के एसएसपी ने खुद मामले का सुपरवीजन करने के बाद आरोप को पूरी तरह से तथ्यहीन, आधारहीन, साक्ष्यविहीन और दुर्भावनापूर्ण करार दिया है। एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर अब उल्टा शिकायतकर्ता सुधीर ओझा के खिलाफ ही विभिन्न धाराओं में कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सुपरवीजन में मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुशवाहा ने मामले को पूरी तरह से आधारहीन और तथ्यहीन करार दिया है। बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर मामले के शिकायतकर्ता सुधीर ओझा के खिलाफ आईपीसी की धारा 182/211 के तहत कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है।
निश्चित तौर पर यह प्रभावितों के साथ ही देश के तमाम बुद्धिजीवियों के लिए भी राहत की खबर है। बता दें कि इतिहासकार रामचंद्र गुहा, अभिनेत्री अपर्णा सेन, फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल, अभिनेता सौमित्र चटर्जी, गायिका शुभा मुद्गल, फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप, अभिनेत्री कोंकोणा सेन शर्मा और मणिरत्नम जैसी विभिन्न क्षेत्रों की 49 नामी हस्तियों ने देश में आए दिन लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला पत्र लिखा था।
इस पत्र को देश और पीएम की छवि खराब करने वाला बताते हुए मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने याचिका दायर कर सभी के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की थी। सुनवाई के बाद सीजेएम ने सभी हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने का आदेश देते हुए पुलिस से 11 नवंबर तक जांच रिपोर्ट देने को कहा था।
मामले के तूल पकड़ने पर इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए बिहार पुलिस ने भी मामले का त्वरित पर्यवेक्षण की बात कही थी। खुद बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था कि इस मामले में अदालत के आदेश पर केस दर्ज किया गया है, किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच को जल्द से जल्द खत्म किया जाएगा।
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