कोरोना संकट से हिली रिलायंस, कर्मचारियों के वेतन में 50 फीसदी तक कटौती, मुकेश अंबानी भी नहीं लेंगे साल भर सैलरी

कोरोना संकट का असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के तमाम कारोबार पर हुआ है। कारोबार पर इस संकट का असर इतना गहरा पड़ा है कि कंपनी के प्रमुख मुकेश अंबानी ने अपना पूरे साल का वेतन छोड़ने का फैसला किया है। साथ ही कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती का फैसला हुआ है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। लेकिन इसकी वजह से पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से तमाम उद्योग-धंधे और कारोबार पूरी तरह से ठप हैं। इसका गहरा असर कारोबारियों पर हुआ है। अब तक कई छोटे-मोटे और मझोले उद्योगों के संकट में आने की खबर आ चुकी है। लेकिन अब इस संकट का असर देश के सबसे अमीर आदमी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी पर भी पड़ने की खबर है।

मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संकट का असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के तमाम कारोबार पर हुआ है। चिंताजनक गिरावट का असर इतना गहरा पड़ा है कि कंपनी के प्रमुख मुकेश अंबानी ने अपने पूरे साल का वेतन छोड़ने का फैसला किया है। इतना ही नहीं कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती करने का फैसला किया गया है। ये कटौती पे ग्रेड के अनुसार 10 से 50 फीसदी तक होगी।

खबरों के मुताबिक मुकेश अंबानी अपना 15 करोड़ रुपये सालाना का पूरा वेतन छोड़ रहे हैं। जबकि कंपनी के कार्यकारी निदेशक, कार्यकारी समिति के सदस्यों समेत रिलायंस के निदेशक मंडल के सदस्यों के वेतन में भी 30 से 50 फीसदी तक कटौती का फैसला लिया गया है। हालांकि जिन कर्मचारियों का पैकेज 15 लाख रुपये से कम है, उनके वेतन में कोई कटौती नहीं करने की बात कही गई है। इसके साथ ही कंपनी ने कर्मचारियों का सालाना बोनस भी टाल दिया है जो हर वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मिलता था।

रिफाइनरी से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का रिफाइनरी कारोबार इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कंपनी की विभिन्न इकाइयों के प्रमुखों द्वारा कर्मचारियों को भेजे गए वेतन कटौती कीृे संदेश में कहा गया है कि ‘हमारे हाइड्रोकार्बन कारोबार पर काफी दबाव है। हमें अपनी लागत को युक्तिसंगत बनाना होगा और इसके लिए हम सभी क्षेत्रों में लागत में कटौती कर रहे हैं। वर्तमान हालात की मांग है कि हम अपनी तमाम को युक्तिसंगत बनाएं और इसके लिए सभी को इसमें योगदान करने की जरूरत है। कंपनी लगातार आर्थिक और कारोबारी हालात की समीक्षा करेगी और अपनी आय बढ़ाने के जरिये तलाशेगी।’

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