ग्रेटर नोएडा में कसीनो की 'वसूली लिस्ट' वायरल, चौकी इंचार्ज, एसीपी ऑफिस और नेता-पत्रकार तक पहुंचता था पैसा
पर्ची सामने आने के बाद नीमका चौकी इंचार्ज लाखन सिंह को हटा दिया गया है। हालांकि, अधिकारियों ने दरोगा के तबादले को रूटीन कार्रवाई कहा है। वहीं, कमिश्नरेट पुलिस ने वायरल वीडियो और कसीनो की वसूली लिस्ट की जांच डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान को सौंपी है।
उत्तर प्रदेश की पुलिस एक बार फिर भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेस-वे के पास एक दुकान में चलाई जा रही एक कसीनो की वसूली लिस्ट वायरल हो गई। पर्ची में हिसाब-किताब के साथ यह भी लिखा है कि किसे कितनी रकम देनी है।
इस वायरल पर्ची में स्थानीय नीमका चौकी इंचार्ज और एसीपी ऑफिस के नाम पर जाने वाली रकम का जिक्र है। इसके साथ ही दो पत्रकारों के नाम और एक विधायक के करीबी कहे जाने वाले एक युवा नेता का नाम भी इस पर्ची में दर्ज है। एसीपी ऑफिस के नाम पर कितने पैसे जाते हैं, यह सभी डिटेल पर्ची में लिखी हुई थी।
इस पर्ची के सामने आने के बाद नीमका चौकी इंचार्ज लाखन सिंह को हटा दिया गया है। हालांकि, अधिकारियों ने दरोगा के तबादले को रूटीन कार्रवाई बताया है। वहीं, कमिश्नरेट पुलिस की ओर से वायरल वीडियो और कसीनो की वसूली सूची की जांच डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान को सौंपी गई है।
बता दें कि वायरल पर्ची में जेवर कोतवाली में तैनात अधिकारी और कर्मचारियों के नाम पर 2,20,000 रुपये दर्ज हैं। इसमें चौकी इंचार्ज के नाम पर 25,000, थाने के चालक के नाम पर 10,000, दो पत्रकारों के नाम पर 20,000, एसओजी के नाम पर 20,000, एक विधायक के करीबी कहे जाने वाले युवा नेता के नाम पर 25,000, हमराह के नाम पर 25,000, 112 नंबर हेल्पलाइन के नाम पर 25,000, एसपी ऑफिस के नाम पर 50,000, एसीपी के चालक के नाम पर 20,000 रुपये देने का जिक्र है। इस पर्ची में कुल 3 लाख की अवैध वसूली का आरोप लगाया गया है।
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