आरबीआई गर्वनर उर्जिल पटेल के इस्तीफे से हड़कंप, कई मुद्दों पर मोदी सरकार से चल रही थी रस्साकशी

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसके पीछे व्यक्तिगत कारणों को हवाला दिया है। लेकिन यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बीते कई महीनों से आरबीआई और मोदी सरकार के बीच तनातनी चल रही थी।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार से चली आ रही खींचतान के बीच आखिरकार आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को ही झुकना पड़ा और उन्होंने सोमवार को अचानक अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। आरबीआई की वेबसाइट पर जारी एक पैरा के बयान में उन्होंने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है।

इस्तीफा को लेकर उर्जित पटेल ने कहा, “निजी कारणों से मैंने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। ये मेरे लिए सम्मान की बात है कि भारत के रिजर्व बैंक में अलग-अलग क्षमता में मैंने इन सालों में सेवा दी। आरबीआई के कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रबंधन का सहयोग और कड़ी मेहनत बैंक की उपलब्धियों के लिए चालक शक्ति रही है। इस मौके पर मैं आरबीआई केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों और सहोगियों के प्रति अपना आभार जताता हूं और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामना देता हूं।”

 आरबीआई गर्वनर उर्जिल पटेल के इस्तीफे से हड़कंप, कई मुद्दों पर मोदी सरकार से चल रही थी रस्साकशी

बीते लंबे समय से आरबीआई और सरकार के बीच तनातनी की खबरे सामने आ रही थीं।सूत्रों की मानें तो कई ऐसे मुद्दे थे जिनको लेकर आरबीआई ने मोदी सरकार के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। जिन मुद्दों को लेकर तनातनी थी उनके बारे में बताया जा रहा था कि मोदी सरकार आरबीआई से उसके कैश रिजर्व का कुछ हिस्सा लेना चाहती थी। हालांकि सरकार और आरबीआई दोनों तरफ से इस बारे में कभी पुष्टि नहीं की गई।

दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई थी जब आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आरबीआई की स्वायत्तता को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक की आजादी की उपेक्षा करना खतरनाक हो सकता है। इसके बाद खुद गवर्नर उर्जित पटेल ने भी रिजर्व बैंक की स्वायतत्ता पर हमले को अवांछित करार दिया था।

उर्जित पटेल के इस्तीफे पर पीएम मोदी ने कहा, “डॉ. उर्जित पटेल गहरी समझ के साथ बहुत अच्छी क्षमता के अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने अच्छे ढंग से बैंकिंग व्यवस्था का संचालन किया। वह एक महान विरासत को अपने पीछे छोड़ कर गए हैं। उनकी कमी बहुत ज्यादा खलेगी।”

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उर्जित पटेल द्वारा आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा देने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं डॉ. उर्जित पटेल को शुभकामना देता हूं और यह कामना करता हूं कि वे लंबे समय तक सार्वजनिक सेवा में काम करते रहें।”

उर्जित पटेल के इस्तीफे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के संस्थानों को बीजेपी के हमलों से बचाना है। उन्होंने कहा कि हम बीजेपी और उसके भष्टाचार से लड़ने जा रहे हैं।

आरबीआई सेंट्रल बोर्ड को सदस्य एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि वह उर्जित पटेल के इस्तीफे से हैरान है।

ऐसा माना जा रहा है कि उर्जित पटेल के इस कदम से आरबीआई की स्वायत्ता पर असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा सरकार के पास एक तरह से केंद्रीय बैंक का पूरा नियंत्रण हो जाएगा। उर्जित पटेल जिन कारणों से इस्तीफा दिया उनमें सरकार द्वारा सेक्शन 7 का इस्तेमाल करने की बात कहना और छोटे उद्योगों के लिए लोन आसान बनाना, कर्ज और फंड की समस्या से जूझ रहे 11 सरकारी बैंकों को कर्ज देने से रोकने पर राहत और शैडो लेंडर्स को ज्यादा लिक्विडिटी देना शामिल है।

बता दें कि उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म होने वाला था। सितंबर 2016 में बने थे गवर्नर पटेल सितंबर 2016 में रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर नियुक्त किए गए थे। वह तीन साल के लिए नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वह रिजर्व बैंक में ही डेप्युटी गवर्नर थे।

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