सुरजेवाला का खट्टर सरकार पर हमला, कहा- न जांच सुविधाएं और न डाक्टरों के पास संसाधन, कोरोना से यह कैसी जंग
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना संकट से लड़ाई में हर हरियाणवी एकजुट है और सरकार के हर रचनात्मक कदम के साथ है। हमारा मकसद खट्टर सरकार की निंदा या विरोध करने की बजाए राज्य के सजग प्रहरी के तौर पर सरकार को सही रास्ता बताना है, ताकि कोई भी महामारी की चपेट में न आए।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए तैयारियों को लेकर हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की खट्टर सरकार के पास कोरोना से लड़ने की सुविधाएं ही नहीं हैं तो वह किस बात की लड़ाई लड़ रही है।
सुरजेवाला ने कहा, “कोरोना वायरस से लड़ाई में हर हरियाणवी एकजुट है और सरकार द्वारा उठाए गए हर रचनात्मक कदम के साथ है। हमारा अभिप्राय खट्टर सरकार की निंदा या विरोध करने की बजाए हरियाणा के सजग प्रहरी के तौर पर सरकार को सही रास्ता दिखाना है, जिससे प्रदेशवासी न केवल महामारी की चपेट में आने से बचें, बल्कि हरियाणा का सुरक्षा चक्र और मजबूत हो।”
चंडीगढ़ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया से बात करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम, इलाज और बचाव सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। पर वास्तविकता क्या है? कोरोना वायरस विदेश से आया। सबसे महत्वपूर्ण 13,238 विदेश से आए लोगों की जांच और कोरोना टेस्ट है, परंतु सरकार के मुताबिक 30 मार्च, 2020 तक केवल 665 सैंपल ही लिए गए। सवाल ये है कि 13,238 विदेश से आए लोगों में से 12,573 का कोरोना टेस्ट क्यों नहीं हुआ? साथ ही उनके परिजनों और उनके संपर्क में आए 346 लोगों का टेस्ट क्यों नहीं करवाया गया?
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में अब तक कोरोना टेस्ट की व्यवस्था दो जगह रोहतक मेडिकल कॉलेज और खानपुर मेडिकल कॉलेज में है। रोहतक मेडिकल कॉलेज में 34 से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन हो ही नहीं सकते। दोनों जगह मिलाकर 100 से अधिक टेस्ट नहीं हो सकते। रोहतक मेडिकल कॉलेज ने कल ही एक नई लैबोरेटरी बनाने हेतु सरकार को मशीनें खरीदने का प्रस्ताव भेजा है। सवाल यह है कि अगर कोरोना वायरस का टेस्ट ही नहीं हो पाएगा, तो उसकी रोकथाम और उपचार कैसे होगा? जब पूरे प्रदेश में 21 दिन का लॅाकडाउन है तो दूर जिलों के लोग टेस्ट कैसे करवाएं?
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हमारे डॅाक्टर, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की है। एक कड़वा सच यह है कि आज तक हरियाणा के इन बहादुर डॅाक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के पास जरूरी मात्रा में न तो हैज़मेट सूट्स हैं, न एन-95 मास्क, न गॅागल, न हैड कवर, शू कवर, ग्लव्स, न टू-लेयर बॅाडी ओवरऑल है। यहां तक कि कोरोना मरीजों या संदिग्ध मरीजों के लिए ‘डिस्पोजेबल शीट्स’ भी नहीं हैं। दूसरे देशों का अनुभव है कि जब कोरोना मरीज और दूसरी बीमारियों के मरीज एक ही अस्पताल में रखे गए तो किसी न किसी कारणवश यह कोरोना संक्रमण उन दूसरे मरीजों को भी हो गया। परंतु हमने इस तजुर्बे से सीख नहीं ली है।
सवाल यह है कि इन हालात में फिर कोरोना वायरस से जंग प्रभावी तरीके से कैसे लड़ी और जीती जाएगी? सुरजेवाला ने सरकार को सलाह दी है कि विदेश से आए सभी 13,238 व्यक्तियों का (12,573 जो अभी बगैर टेस्ट के बचे हैं) का कोरोना टेस्ट तत्काल करवाया जाए। उनके परिजन और संपर्क में आए लोगों में जहां-जहां लक्षण दिखें, उनका कोरोना टेस्ट भी तत्काल करवाया जाए। कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे सभी डॅाक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों को सभी ‘पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स’ फौरी तौर से उपलब्ध करवाए जाएं।
सुरजेवाला ने कहा कि इसमें की गई कोताही प्रदेश और देश को बहुत भारी पड़ सकती है। हर अस्पताल में डिस्पोजेबल शीट्स का इंतजाम किया जाए। इसके अलावा मेडिकल वेस्ट को विशेष इंसीनरेटर्स के माध्यम से वहीं नष्ट किया जाए। हर जिले में एक नि:शुल्क कोरोना टेस्टिंग लैब अगले एक हफ्ते में स्थापित किया जाए। कोरोना संक्रमण से ग्रस्त या सभी संदिग्ध कोरोना केसेज को आइसोलेशन में रखने के लिए हर जिले में एक अस्पताल और डेडिकेटेड मेडिकल स्टाफ निर्धारित किया जाए। उस अस्पताल में दूसरे मरीजों की भर्ती न हो।
साथ ही सुरजेवाला ने मांग रखी कि सभी डॅाक्टर, नर्सेज और स्वास्थ्यकर्मियों की अगले तीन महीने की तनख्वाह दोगुनी करने के लिेए विशेष पैकेज दिया जाए। सुरजेवाला ने सरकार से कहा है कि प्रदेश में 20,000 कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला। इसमें लगभग 10,000 ग्रामीण सफाई कर्मचारी हैं, जो वाल्मीकी समाज या अन्य अनुसूचित जातियों से संबंधित हैं। इसी प्रकार लगभग 10,000 स्वास्थ्य व अन्य विभागों के ठेका कर्मचारी भी हैं, जिन्हें वेतन नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा आरोही स्कूल के माली, सिक्योरिटी गार्ड और सफाई कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिला है। खबर है कि कई जगह पर्यटन विभाग के पक्के कर्मचारियों को भी 2 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसमें मैग्पाई, डबचिक, सुलतानपुर, बड़कल, माईना रोहतक, अंबाला, पानीपत, करनाल के कर्मचारी हैं। सुरजेवाला ने कहा, “हमारा खट्टर सरकार से अनुरोध है कि बगैर विलंब के, जो भी बकाया पेंडिंग है, इन कर्मचारियों को दिया जाए।”
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