कोरोना से उबरने के बाद फिर बिगड़ी केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक की तबीयत, दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने के बाद मंगलवार सुबह उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने के बाद मंगलवार सुबह उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। निशंक अप्रैल महीने के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने के बाद मंगलवार 1 जून को उनकी तबीयत खराब हो गई।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को कोरोना ठीक होने के बाद स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों के कारण एम्स में भर्ती कराना पड़ा है। डॉक्टरों ने फिलहाल निशंक का उपचार शुरू कर दिया है। एम्स के अधिकारी ने निशंक को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने बताया कि डॉ निशंक की जांच की जा रही है फिलहाल स्वास्थ्य को लेकर कोई गंभीर प्रश्न सामने नहीं आए हैं।


21 अप्रैल को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्वयं को घर पर ही आइसोलेट कर लिया था। इस दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक उन्होंने उपचार लिया। हालांकि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के उपरांत भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विभिन्न डिजिटल माध्यमों के जरिए मंत्रालय का कामकाज संभालते रहे।

गौरतलब है कि देश में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के कारण मद्देनजर 10वीं की बोर्ड परीक्षा पहले ही रद्द की जा चुकी है। वहीं जेईई की परीक्षा स्थगित करने का फैसला भी किया जा चुका है। 12वीं की बोर्ड परीक्षा और जेईई (मुख्य) 2021 अप्रैल सत्र की तारीख भी अभी घोषित नहीं की जा सकी हैं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक परीक्षा से कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को इस बारे में सूचित किया जाएगा।


गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाओं के विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई के बीच अहम बैठक होनी है। कई छात्र व संगठन 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं सीबीएसई यह परीक्षाएं करवाने की पक्षधर है।

सहमति मिलने पर सीबीएसई 12 की बोर्ड परीक्षा में केवल चुनिंदा विषयों को ही शामिल करने का फैसला ले सकती है। इसके साथ ही परीक्षा का समय एवं प्रश्नों की संख्या भी कम की जा सकती है। हालांकि अभी इनमें से किसी भी विकल्प पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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