बीजेपी ने बंदूक के दम पर जीता है यूपी में जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव: राकेश टिकैत का सनसनीखेज आरोप

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में हाल में संपन्न जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव बीजेपी ने बंदूक के दम पर जीते हैं। टिकैत ने कहा कि विपक्षी उम्मीदवारों को डरा धमकाकर बीजेपी ने यह जीत हासिल की है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में हाल में संपन्न जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनावों में बीजेपी की जीत को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने गंभीर बयान दिया है। एक टीवी चैनल से बातचीत में टिकैत ने कहा कि बीजेपी ने यह चुनाव बंदूक के दम पर जीता है। चैनल में बीजेपी की जीत पर डिबेट के दौरान जब टिकैत से पूछा गया कि किसान नेताओं ने तो बीजेपी के बहिष्कार की बात की थी ऐसे में कहां चूक हुई, तो टिकैत ने साफ कहा कि बीजेपी बंदूक के दम पर चुनाव जीती है और इस चुनाव मे विपक्षियों को डराया और धमकाया गया है।

टिकैत ने कहा कि “अगर पुलिस बंदूक लेकर काम करेगी तो देश में कुछ भी हो सकता है।“ टिकैत ने यह भी कहा कि अबकी बार तो बेइंतहा हो गई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। बुलडोजर लेकर कैंडिडेट के घर पर पहुंच गए और कहने लगे कि या तो वोट दे दो नहीं तो घर ढहा देंगे। टिकैत ने कहा कि उनकी और किसानों की लड़ाई केंद्र सरकार से है न कि किसी पार्टी से। उन्होंने कहा कि उन्हें तो पनी पार्टी बचानी है। टिकै ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को तो बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां चला रही है।

गौरतलब है कि टिकैत के गृह जिले मुजफ्फरनगर में भी बीजेपी उम्मीदवार जीता है, इस पर टिकैत का कहना था कि, “जब अधिकारी पार्टी के एजेंट के रूप में काम करेंगे और कैंडिडेट के परिवार वालों को पकड़ कर रखेंगे तो ऐसा ही होता है। परिवार को गन पॉइंट पर रखकर वोट डलवाया जाता है।“

यहां ध्यान रहे कि अभी दो महीने पहले हुए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में बीजेपी को कुल 3052 सीटों में से महज 603 सीटें मिली थीं जबकि समाजवादी पार्टी के हिस्से में 842 सीटें आई थीं। इस चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं। इसके बाद बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में कथित तौर पर गुंडागर्दी और पुलिस की मदद से जीत हासिल की है। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं। समाजवादी पार्टी ने दावा किया कि जिला प्रशासन की मिलीभगत से कई जगहों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन तक नहीं करने दिया गया और सदस्यों का अपहरण तक कर लिया गया।

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