राज्यसभा चुनाव: मतदान से पहले BJP ने की किलेबंदी, चंडीगढ़ में अपने विधायकों को किया कैद, खट्टर सरकार का हिला विश्वास!
चंडीगढ़ में स्थित बादल परिवार के होटल सुख विलास में सायं चार बजे से ही विधायक पहुंचना शुरू हो गए थे। रात तकरीबन 8 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी सुख विलास पहुंच चुके थे। लेकिन सभी की दिलचस्पी वहां नहीं आने वाले विधायकों को जानने में थी।
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव से दो दिन बीजेपी ने अपने विधायकों की पूरी तरह किलेबंदी कर दी। न्यू चंडीगढ़ में स्थित सुखबीर बादल के होटल सुख विलास ले जाए गए यह विधायक दो दिन वहीं रुकने की तैयारी के साथ गए हैं। साथ में जेजेपी के और कुछ निर्दलीय विधायक भी हैं। होटल की किलेबंदी ऐसी है कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। मोबाइल ले लिए गए हैं। स्टाफ वापस भेज दिया गया है। वहीं, दो निर्दलीय विधायकों की आज हुई जुबानी जंग ने चुनावी पारा और चढ़ा दिया है।
न्यू चंडीगढ़ में स्थित बादल परिवार के होटल सुख विलास में सायं चार बजे से ही विधायक पहुंचना शुरू हो गए थे। रात तकरीबन 8 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी सुख विलास पहुंच चुके थे। लेकिन सभी की दिलचस्पी वहां नहीं आने वाले विधायकों को जानने में थी। इस बीच दिन में पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने बयान दे दिया कि महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी सरकार के साथ हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुंडू का वोट बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में ही जाएगा। इसी बयान के बाद सियासी पारा एकदम से चढ़ गया। यह बयान कुंडू की ओर से सरकार पर किए जा रहे हमले और अभी तक जाहिर हो रहे उनके मिजाज के खिलाफ था।
नयनपाल रावत के इस बयान और दावे पर बलराज कुंडू ने ऐसा हमला बोला कि रावत को शाम को कोई जवाब देते नहीं सूझ रहा था। रावत का बयान ही कुछ इस तरह था कि सभी लोग चौंक गए। नयनपाल रावत ने कहा कि कुंडू भी निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोटिंग करेंगे। इस पर भड़के कुंडू ने ट्वीट करके रावत को ‘कठपुतली’ बताने के साथ ही उनके स्टेटमेंट को पूरी तरह से बकवास बताया। कुंडू ने कहा कि मैं किसी कठपुतली के कहने से वोट नहीं दूंगा। अपनी बुद्धि और विवेक से प्रदेश के लोगों की भावना के अनुरूप ही मैं अपना निर्णय लूंगा’। अब बारी रावत की थी। इस पर पलटवार करते हुए रावत ने कहा कि पिछले दिनों पंचकूला स्थित मेरे आवास पर निर्दलीय विधायकों की बैठक हुई थी। इसमें सोमबीर सिंह सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और उनके बेटे अमित गोलन मौजूद थे। इस दौरान कुंडू ने पांच पंचों के सामने कहा था कि जो सरकार कहेगी, वैसे ही करेंगे। अब वे कैसे मना कर रहे हैं, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।
रावत ने कहा, इंसान को अपना स्टैंड क्लीयर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंडू का ट्वीट न केवल घटिया मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रतीत होता है कि उनके पास बुद्धि-विवेक नाम की कोई चीज नहीं है। दो विधायकों के बीच हुई यह जंग इस बात की भी तस्दीक है कि राज्यसभा चुनाव सरकार के लिए जीने-मरने का सवाल बन गया है। साथ ही वह कार्तिकेय शर्मा को जिताने लायक विधायकों का समर्थन भी नहीं जुटा पाई है। सरकार को शक है कि उसके समर्थन में खड़े दिख रहे विधायक भी कहीं ऐन वक्त पर पाला न बदल लें। रात में फिर कुंडू से बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है। उधर, इनेलो विधायक अभय चौटाला ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। नौ जून को वह अपना फैसला सुना सकते हैं। इधर, सरकार की हालत यह है कि उसने अपने विधायकों की किलेबंदी ऐसी कर दी है कि किसी को भी उस होटल में जाने की इजाजत नहीं है। मोबाइल विधायकों से ले लिए गए हैं। विधायकों की गाडि़यां और स्टाफ भी वापस भेज दिया गया है। तैयारी यह है कि 10 जून को सुबह मतदान के दिन ही विधायक होटल से सीधे मतदान करने पहुंचेंगे। जाहिर है कि सरकार का विश्वास हिला हुआ है।
महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पहले बीजेपी में थे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। इसके बाद सरकार को समर्थन भी दिया। किसान आंदोलन में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपना समर्थन भी वापस ले लिया। कुंडू इसके बाद लगातार सरकार के खिलाफ मुखर हैं। राज्यसभा चुनाव में बलराज कुंडू ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, हालांकि अन्य निर्दलीय विधायक बीजेपी को अपना समर्थन दे चुके हैं और निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट करने की बात कर चुके हैं।
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Published: 09 Jun 2022, 10:46 AM