संसद में राहुल गांधी का माइक किया गया बंद! कांग्रेस बोली- ओछी हरकत कर युवाओं की आवाज दबाने की साजिश कर रही मोदी सरकार
कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल गांधी लोकसभा में अपनी बात रख रहे थे कि अचानक से उनकी माइक बंद की गई या फिर आवाज नहीं आई।
नीट पेपर लीक के मुद्दे को लेकर शुक्रवार को संसद में भारी हंगामा देखने को मिला। इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग करने के दौरान राहुल गांधी की माइक बंद कर दी गई। कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''जहां एक ओर पीएम नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे हैं। लेकिन, ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत कर युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है।"
कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल गांधी लोकसभा में अपनी बात रख रहे थे कि अचानक से उनकी माइक बंद की गई या फिर आवाज नहीं आई। जिसके बाद विपक्षी दलों के नेता माइक-माइक बोलने लगे। इस पर स्पीकर कहते हैं कि मैं माइक बंद नहीं करता हूं, पूर्व में आपको व्यवस्था दी गई थी।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्थगन प्रस्ताव के नोटिस नहीं लिए जाते। उन्होंने राहुल गांधी से संसदीय व्यवस्था का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं और इसलिए आप संसदीय व्यवस्था का पालन करेंगे, ऐसी अपेक्षा है।
राहुल गांधी कहते हैं कि हम विपक्ष और सरकार की ओर से हिंदुस्तान के छात्रों को एक संयुक्त संदेश देना चाहते थे कि हम इस मुद्दे को जरूरी मानते हैं। इसलिए, हमने सोचा कि छात्रों के सम्मान के लिए हम आज नीट पर चर्चा करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी की माइक से आवाज नहीं आती है, जिसको लेकर विपक्षी नेता हंगामा करने लगते हैं।
इस पूरे घटना क्रम पर केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा नीट परीक्षा में अनियमितता है। हजारों छात्र और उनके अभिभावक चिंता में हैं और हमें इसका स्थायी समाधान खोजने की जरूरत है। सरकार को हमें इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए समर्पित और विशेष रूप से समय देने की अनुमति देनी चाहिए, इसलिए हमने स्थगन प्रस्ताव पेश किया लेकिन सरकार तैयार नहीं है। वे विपक्ष के नेता को एक मिनट भी बोलने नहीं दे रहे हैं और माइक्रोफोन म्यूट कर दिया गया है। यह सरकार जिस तरह से काम कर रही है वह पुराने समय की तरह है - तानाशाही - और यह हमारी पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक बड़ी समस्या होगी।
इससे पहले, विपक्षी दलों के हंगामे के कारण शुक्रवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही थोड़ी देर बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। 12 बजे फिर से लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर नीट मामले में हंगामे के बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
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