राहुल ने जेटली को याद दिलाई राफेल सौदे पर जेपीसी जांच के लिए 24 घंटे की मीयाद, कहा - ‘अब 6 घंटे भी नहीं बचे हैं’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को याद दिलाया है कि राफेल सौदे की जेपीसी जांच के लिए दिए गए 24 घंटे की मीयाद खत्म होने में अब 6 घंटे भी नहीं बचे हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को एक ट्वीट कर वित्त मंत्री को राफेल सौदे की जेपीसी जांच की चुनौती देते हुए 24 घंटे का वक्त दिया था।
राफेल विमान सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर अरुण जेटली को संबोधित किया है। एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा है कि, “जेटली जी, राफेल सौदे की जेपीसी जांच की मीयाद खत्म होने में 6 घंटे से भी कम बचे हैं। यंग इंडिया इंतजार कर रहा है। उम्मीद है आप मोदी और अनिल अंबानी जी को यह समझाने की कोशिश कर रहे होंगे कि वे आखिर आपकी बात क्यों सुने और जांच को मंजूरी दें।” कांग्रेस अध्यक्ष ने इस ट्वीट में वित्त मंत्री अरुण जेटली को टैग भी किया है।
राहुल गांधी ने बुधवार को एक ट्वीट कर वित्त मंत्री को 24 घंटे का समय देते हुए राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि, “ग्रेट राफेल रॉबरी” पर फिर से देश का ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया जेटली जी। क्यों न इस मामले को निपटाने के लिए संयुक्ति संसदीय समिति से जांच करा ली जाए? समस्या यह है कि आपके सुप्रीम लीडर अपने दोस्त को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसलिए थोड़ी तकलीफ हो सकती है। पता कर लीजिए, और 24 घंटे में जवाब दीजिए। हम इंतज़ार कर रहे हैं।
राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी एक ट्वीट कर जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि, “मैं 1987 में कांग्रेस सरकार द्वारा बोफोर्स सौदे की जांच के लिए नियुक्त जेपीसी की याद दिलाना चाहता हूं। इस समिति के अध्यक्ष शंकरानंद थे। तब इस जेपीसी की रिपोर्ट के सबने खारिज कर दिया था। आपके झूठ की तसल्ली के लिए जेपीसी की क्या जरूरत? ”
दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक ब्लॉग फेसबुक पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट में अरुण जेटली ने कांग्रेस पर हमला करते हुए राहुल गांधी से 15 सवाल पूछे थे। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा था कि कांग्रेस पार्टी बिना किसी आधार के इस सौदे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में भी जेटली ने कहा था कि राफेल समझौता पूरी तरह से दो सरकारों के बीच का है, ये कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई निजी पक्ष शामिल नहीं है।
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