कोरोना संकट में क्या हैं अर्थव्यवस्था को उबारने के उपाय, पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन से संवाद करेंगे राहुल गांधी
कोरोना वायरस महासंकट से कैसे उबरा जा सकता है और इसका अर्थव्यवस्था पर क्या असर हुआ है, इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दुनिया के जाने-माने विशेषज्ञों के साथ संवाद कर रहे हैं। पहली कड़ी में राहुल गांधी आज सुबह 9 बजे आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ संवाद करेंगे।
कोरोना वायरस ने पहले से गर्त में पहुंची देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचाया है और इससे उबरने का क्या रोडमैप होना चाहिए? साथ ही देश के गरीबों को मौजूदा संकट से उबारने के लिए कितने पैसे की जरूरत है? ऐसे ही मुद्दों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी आज आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ रघुराम राजन के साथ संवाद करेंगे।
रघुराम राजन के साथ इस बातचीत का एक प्रोमो कांग्रेस ने जारी किया है जिसमें राहुल गाधी रघुराम राजन से तमाम मुद्दे पर बातचीत करते हुए दिखते हैं। इस बातचीत में अर्थव्यवस्था की स्थिति और चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है। यह पूरी बातचीत आज सुबह 9 बजे कांग्रेस पार्टी के सभी मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होगी।
इस बारे में कांग्रेस मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने लिखा कि, “कोरोना संकट बहुत गहरा होता जा रहा है। इन परिस्थितियों में राहुल गांधी ने आने वाले समय में क्या उपाय हों, इस विषय में पहल की है। गुरुवार को सुबह 9 बजे रघुराम राजन के साथ उनका संवाद देखिए कांग्रेस के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर।”
राहुल गांधी की रघुराम राजन के साथ यह बातचीत कांग्रेस के ट्विटर @INCIndia के साथ ही फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध होगी। जो टीजर कांग्रेस ने जारी किया है उसमें राहुल गांधी पूछ रहे हैं कि सभी गरीबों को मदद देने के लिए कितना पैसा चाहिए, जिसके जवाब में रघुराम राजन कहते हैं करीब 65,000 करोड़।
राहुल गांधी पूछते हैं कि लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं, कोरोना को लेकर, अर्थव्यवस्था को लेकर। बातचीत के दौरान राहुल देश में फैले नफरत के माहौल का भी मुद्दा उठाते हैं।
बताया जाता है कि आने वाले दिनों में राहुल गांधी दुनिया के कुछ और जाने माने लोगों और विशेषज्ञों के साथ इसी किस्म का संवाद करेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसे संवाद लगभग हर सप्ताह होने की संभावना है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी देश के अकेले ऐसे नेता हैं जो बहुत पहले से कोरोना वायरस के खतरे को लेकर आगाह करते रहे हैं। हाल ही में हुई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने मोदी सरकार से पूछा था कि आखिर लॉकडाउन से बाहर निकलने का क्या रास्ता है। इसके अलावा वे लगातार टेस्टिंग का मुद्दा भी उठाते रहे हैं क्योंकि वही एकमात्र तरीका है जिससे कोरोना वायरस का विस्तार रोका जा सकता है। राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के भी कई सुझाव मोदी सरकार को दिए हैं, जिसमें से कुछ सरकार ने माने भी हैं।
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की एक 11 सदस्यीय टीम बनाई है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी शामिल हैं। ध्यान रहे कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कोरना संकट के मुद्दे पर सरकार को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है। साथ ही कांग्रेस ने इस संकट के दौरान सरकारी खामियों की तरफ भी देश का ध्यान दिलाया है।
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