राहुल गांधी ने कृषि कानूनों पर कंगना के बयान पर मोदी सरकार को घेरा, कहा- एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक बीजेपी सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? सात सौ से ज्यादा किसानों, खासकर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत लेकर भी बीजेपी वालों का मन नहीं भरा।

राहुल गांधी ने कृषि कानूनों पर कंगना के बयान पर मोदी सरकार को घेरा, कहा- एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी
राहुल गांधी ने कृषि कानूनों पर कंगना के बयान पर मोदी सरकार को घेरा, कहा- एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विवादित कृषि कानूनों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत की ताजा टिप्पणी को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि पीएम मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह निरस्त किये जा चुके तीनों ‘काले’ कृषि कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं या नहीं। साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को फिर से लाने जैसा कोई कदम उठाया तो इंडिया गठबंधन उसका पुरजोर विरोध करेगा और उन्हें एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी।

दरअसल बीजेपी कंगना रनौत ने मंगलवार को कहा था, ‘‘किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल चंद राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध किया। मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में इन कृषि कानूनों को वापस लाया जाए।’’ विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी सांसद ने हालांकि 2021 में निरस्त किये गये कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग संबंधी अपना बयान बुधवार को वापस ले लिया और कहा कि ये उनके ‘निजी’ विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं।


कंगना की इस टिप्पणी पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक बीजेपी सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? सात सौ से ज्यादा किसानों, खासकर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत लेकर भी बीजेपी वालों का मन नहीं भरा।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध बीजेपी का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा। यदि किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो मोदी जी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी।’’

राहुल गांधी ने एक वीडियो में कहा, ‘‘बीजेपी के लोग विचारों को लेकर जांच-परख करते रहते हैं। वे किसी से कहते हैं कि सार्वजनिक रूप से विचार रखिए और फिर देखते हैं कि प्रतिक्रिया क्या होती है। यही हुआ है। इनके एक सांसद ने काले कृषि कानूनों को फिर से लाने की बात की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी स्पष्ट कीजिए कि क्या आप उन कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं। आप फिर से ‘बदमाशी’ तो नहीं करेंगे?’’ उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद किसानों के लिए संसद में दो मिनट का मौन भी नहीं रखने दिया था।

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