गुजरात में राहुल की चुनावी रैली: कहा- किसानों-आदिवासियों की जमीनें छीनकर उद्योगपतियों को दे रही बीजेपी

गुजरात चुनाव में राहुल गांधी ने सूरत और राजकोट में हुई रैलियों में बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आदिवासियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीजेपी इन्हें वनवासी कहकर इन्हें विकास से दूर रखना चाहती है।

फोटो : @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

राहुल गांधी ने आज गुजरात में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। भारत जोड़ो यात्रा में विश्राम के दिन का इस्तेमाल करते हुए राहुल गांधी सोमवार को गुजरात पहुंचे जहां उन्होंने पहले राजकोट और फिर सूरत जिले में जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में बीजेपी पर आदिवासियों की अनदेखी करने, विकास के नाम पर सिर्फ चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाते हुए महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे उठाए।

उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा में लाखों लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, "70 दिन से यात्रा पर चल रहे हैं। तकरीबन 2,000 किलोमीटर हम चल चुके हैं और 1,500 किलोमीटर और चलेंगे। हमारे साथ लाखों लोग, लाखों किसान, बेरोजगार युवा, माताएं- बहनें, आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक सब लोग हमारे साथ चल रहे हैं।"

राहुल गांधी ने कहा कि, "मीडिया इस यात्रा को नहीं दिखाती हैं, लेकिन अगर आप वहां आएं, तो आपको एक नदी सी दिखाई देगी, जिसमें लाखों लोग नदी की तरह बह रहे हैं, चल रहे हैं और नदी में कोई नफरत नहीं, कोई क्रोध नहीं, कोई हिंसा नहीं, सिर्फ भाईचारा। कोई पीछे रह जाता है, गिर जाता है, एकदम सब लोग उसकी मदद करते हैं, उठा लेते हैं। मोहब्बत की, प्यार की ये एक यात्रा है।"

उन्होंने इस यात्रा का मकसद रेखांकित करते हुए कहा कि इसका एक ही मकसद है भाईचारा, सद्भाव और एकदूसरे से जुड़ना। उन्होंने कहा कि, "इसमें सब लोग आ जाते हैं, कोई ये नहीं पूछता- भईया, तुम्हारी जाति क्या है, धर्म क्या है, भाषा कौन सी बोलते हों, आयु क्या है, बुजुर्ग हो, जवान हो, महिला हो, पुरुष हो, कोई नहीं पूछता और सुबह हम 6 बजे शुरु करते है, रात को 7-8 बज जाते हैं, मगर थकान नहीं होती। पता नहीं आपने देखा या नहीं, मगर यहाँ भी जब हमें गाड़ी में बैठाने की कोशिश की, मैं पैदल आ गया। यात्रियों के पैर छिल गए, दो हमारे यात्रियों की मृत्यु हो गई, शहीद हो गए, मगर हमारी यात्रा नहीं रुकी और मैं आपको बता भी नहीं सकता मतलब कितनी मोहब्बत, कितना प्यार जनता हम सबको वहाँ दे रही है।"


राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव का जिक्र करते रुए कहा कि यह वह धर्ती है जिसने देश को महात्मा गांधी जैसा संत दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को जोड़ने का काम किया था। उन्होंने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा में भी आपकी सोच है, आपके संस्कार हैं, आपका इतिहास है। यात्रा में खुशी हो रही है, मगर दुख भी है। आप पूछोगे दुख किस बात का? भारत जुड़ रहा है, नफरत नहीं है, हिंसा नहीं है, भाईचारा है, तो दुख किस बात का? भाईयों और बहनों, दुख किसानों से बात करके होता है, युवाओं से बात करके होता है, आदिवासियों से मिलकर होता है। किसानों को सही दाम नहीं मिलता। बीमा का पैसा नहीं मिलता। कर्जा नहीं माफ होता। युवा बेरोजगार हैं, उनके सपने टूटते जा रहे हैं। कोई इंजीनियर बनना चाहता है। पढ़ाई की, माता-पिता ने पैसे डाले, इंजीनियरिंग करने के बावजूद आज मजदूरी करने को मजबूर है।"

केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक किस्सा बताया। उन्होंने कहा, "कल शाम को एक युवा हमारी यात्रा में आया, उसका नाम राम था। मुझसे गले मिला और रोने लगा। मैंने उससे पूछा, क्यों रो रहे हो? क्या हो गया? कहता है- कोरोना में मेरा पूरा परिवार चला गया। राहुल मैं अकेला हूं, मेरा कोई इस दुनिया में नहीं है। अस्पताल में मैंने ड़ॉक्टरों के सामने हाथ जोड़े, रो कर हाथ जोड़े, मेरे माता-पिता को उन्होंने नहीं बचाया। मेरे हाथों में मेरी मां ने अपना दम तोड़ा। राहुल, मैं बेरोजगार हूं। मुझे कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।"

राहुल गांधी ने कहा कि यह युवा अकेला नहीं है, ऐसे लाखों-करोडों युवा हिंदुस्तान में हैं। आदिवासियों से बात करो तो कहते हैं कि हमारी जमीन छीनी जा रही है। बिना हमसे पूछे हमें हटा दिया जाता है और किसी उद्योगपति को, किसी अरबपति को हमारी जमीन दे दी जाती है। कोई मुआवजा, कोई कंपनसेशन नहीं मिलता। हमें हमारी जमीन से परे कर दिया जाता है और हमारी जमीन, हमारी मां उद्योगपतियों के हवाले कर दी जाती है और यहाँ भी वही काम हो रहा है इसलिए आपने अनंत के लिए ऐसी ताली बजाई, क्योंकि ये आपकी जमीन के हक के लिए लड़ रहे हैं। आपके भविष्य के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लड़ेंगे। इनको कहना चाहिए, हम जीतेंगे। आदिवासियों के साथ मेरा, मेरे परिवार का बहुत गहरा रिश्ता है। मैं आपको एक कहानी बताना चाहता हूं।


राहुल गांधी ने इस मौके पर अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया। उन्होंने इस बारे में भी एक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया, "मैं छोटा सा लड़का था, 6-7 साल का। दादी ने मुझे, इंदिरा जी ने मुझे एक किताब दी। मुझे सबसे अच्छी लगती थी। वो फोटो की किताब थी। तो उन्होंने मुझे एक किताब दी, फोटो की किताब थी। मुझे आदिवासियों के बारे में इतना मालूम नहीं था। किताब का नाम था तेंदू- एक आदिवासी बच्चा और किताब एक आदिवासी बच्चे के बारे में थी और सारे के सारे चित्र, सारे के सारे फोटो जंगल के बारे में, उस बच्चे के बारे में, उसके जीने के तरीके के बारे में थे और मैं दादी के साथ ये किताब पढ़ता था। दादी मुझे समझाती थी, फोटो दिखाती थी। एक दिन मैंने दादी से पूछा, दादी ये जो किताब है, ये मुझे सबसे अच्छी लगती है। आपको इस किताब के बारे में क्या लगता है। तो दादी कहती हैं कि राहुल ये जो किताब है, ये हमारे आदिवासियों के बारे में किताब है। ये हिंदुस्तान के पहले और असली मालिक हैं।फिर उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें हिंदुस्तान समझना है तो आप आदिवासियों को, उनके जीवन को और जो उनका रिश्ता जल, जंगल और जमीन के साथ होता है, उसको समझ लो और उन्होंने आदिवासी शब्द प्रयोग किया। आदिवासी मतलब जो सबसे पहले यहाँ पर रहते थे।"

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, "बीजेपी के लोग आपको आदिवासी नहीं कहते हैं। क्या कहते हैं आपको – वनवासी। वो आपको ये नहीं कहते हैं कि आप हिंदुस्तान के पहले मालिक हो, वो आपको कहते हैं आप जंगल में रहते हो। फर्क समझ में आया? मतलब वो ये नहीं चाहते कि आप शहरों में रहो, कि आपके बच्चे इंजीनियर बनें, डॉक्टर बनें, हवाई जहाज उड़ाना सीखें, अंग्रेजी बोलें, वो ये नहीं चाहते। वो चाहते हैं कि आप जंगल में रहो। मगर वहाँ नहीं रुकते, उसके बाद वो आपसे जंगल छीनने का काम शुरु कर देते हैं।" उन्होंने कहा कि आपको रोजगार मिलना चाहिए। आपको स्वास्थ्य और शिक्षा, आपके बच्चों को स्वास्थ्य और शिक्षा मिलनी चाहिए। वनवासी का मतलब जो भी आपका है, वो दो-तीन उद्योगपतियों के हवाले कर दिया जाए, आपको कोई हक ना मिले, आपको शिक्षा, स्वास्थ्य ना मिले, आपके बच्चों को रोजगार ना मिले। ये दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। उन्होंने फिर से याद दिलाया कि, "आप वनवासी नहीं हैं, आप आदिवासी हैं और ये देश आपका है, था और रहेगा और इस देश में आपकी जमीन की रक्षा होगी, आपको शिक्षा मिलेगी, स्वास्थ्य मिलेगा और आपके बच्चों को, युवाओं को रोजगार मिलेगा।"


राहुल गांधी ने यूपीए शासन के दौरान लाए गए कानूनों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यूपीए सरकार ने ऐसे कानून बनाए जिससे लोगों को उनके अधिकार मिलें। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार देश में जमीन अधिकार बिल लेकर आई, फॉरेस्ट राइट एक्ट लाई। उन्होंने कहा कि, "जो आपका जल है, आपकी जमीन है, आपका जंगल है, वो आपको वापस देने के लिए क्रांतिकारी कानून थे, मगर बीजेपी की सरकार ने इन कानूनों को लागू नहीं किया, कहीं भी नहीं किया। जहाँ भी इनकी सरकार है, इन कानूनों को ये कमजोर करते हैं, लागू नहीं करते। ये फर्क है हममें और उनमें।"

उन्होंने मनरेगा के साथ अन्य कानूनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने मनरेगा दिया, रोजगार दिया, स्कॉरशिप दी बच्चों को, जमीन का अधिकार दिया। ये आपको नहीं देते, ये सिर्फ आपकी जमीन आपसे छीनते हैं।

उन्होंने पर्यावरण रक्षा की भी बात की। राहुल गांधी ने कहा कि, "आजकल दुनिया में लोग इनवायरमेंट की बात करते हैं, बड़े-बड़े कॉन्फ्रेंस होते हैं, पूरी दुनिया के नेता मिलते हैं, इनवायरमेंट की बात होती है। इनवायरमेंट के बारे में हमारे आदिवासी भाईयों को इन सब नेताओं से ज्यादा मालूम है। जंगल के बारे में, जमीन के बारे में, जल के बारे में आप सबको सिखा सकते हैं और हमारा काम, सरकारों का काम, नेताओं का काम आपकी आवाज सुनने का काम है। जैसे हम भारत जोड़ो यात्रा में कर रहे हैं। हवाई जहाज में नहीं, हैलीकॉप्टर में नहीं, सड़कों पर चलकर, पैरों में छाले लगवाकर आपकी बात सुनने का हमारा काम है।"

राहुल गांधी का पूरा भाषण नीचे दिए लिंक में सुन सकते हैं।

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