सीएजी रिपोर्ट एक धोखा, लेकिन राफेल कीमतों पर मोदी सरकार के झूठ का हुआ पर्दाफाश : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने राफेल विमान की कीमत को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि नई डील में विमान की जो कीमत बताई गई है वह बेंचमार्क प्राइस से 55 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने सिर्फ अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए इस डील में बदलाव किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर हो रहे नये खुलासों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि नई डील सिर्फ अनिल अंबानी की जेब भरने के लिए की गई। राहुल गांधी ने सीएजी रिपोर्ट को लेकर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “सरकार ने नई डील के लिए तर्क दिए थे कि वायुसेना को जल्दी हवाई जहाज देना है और सौदा सस्ते में मिल रहा है। लेकिन सौदे में साफ लिखा है कि राफेल विमान मिलने में 10 साल का वक्त लगेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “ यदि आप सीएजी रिपोर्ट पर नज़र डालें तो रिपोर्ट में ये माना गया है कि 2007 के सौदे में संप्रभु गारंटी, बैंक गारंटी और प्रदर्शन गारंटी शामिल थी। जबकि नये सौदे में यह शामिल नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “36 राफेल विमानों के लिये भारत की जरूरतों के हिसाब से बदलाव 126 विमानों के जैसे ही हैं। नये सौदे में प्रति विमान 25 मिलियन यूरो ज्यादा भुगतान किया गया है और इसी जगह पर भ्रष्टाचार हुआ है।” उन्होंने आगे कहा, “अगर सीएजी रिपोर्ट को ही देखा जाय तो निर्मला सीतारमण ने संसद में झूठ बोला है, उन्होंने कहा था कि राफेल डील 9-20 फीसदी सस्ती हुई थी. लेकिन सीएजी 2.8 फीसदी बता रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि सीएजी रिपोर्ट ने कीमत पर समझौता टीम की असहमति को नहीं जोड़ा है। समझौता टीम ने कहा है कि नई डील पहले से 55 फीसदी महंगी है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “ पीएम मोदी घबराए हुए हैं, राफेल का मामला तीन बिंदुओं पर निष्कर्ष तक पहुंचेगा। वो तीन मुद्दे हैं- प्रक्रिया, भ्रष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून। मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि अगर राफेल डील में घोटाला नहीं हुआ है तो जेपीसी की जांच क्यों नहीं की जा रही है। मोदी जांच से क्यों पीछे भाग रहे हैं।”
इस दौरान मीडिया के एक सवाल को जवाब देते हुए कहा कि देश के किसी भी कोने में चले जाए और एक बार बोलो ‘चौकीदार’, चारों तरफ से यही आवाज़ आएगी ‘चोर है’। यह राफेल सौदे की सच्चाई है। साथ ही कहा कि विपक्ष का नेता होने के नाते मेरा काम सरकार की कमियों को उजागर करने का है और यही काम मैं कर रहा हूं।
राहुल गांधी ने दोहराया कि प्रधानमंत्री एक बार उनसे आमने-सामने बैठकर इस मुद्दे पर बहस कर लें। उन्होंने कहा कि, “वे सामने बैठें, अपने तर्क रखें, और हम अपने तर्क रखेंगे। इसके बाद देश को फैसला करने दें।”
इस सवाल पर कि असहमति पत्र देने वाले अपने बयानों से मुकर रहे हैं और उन्होंने सिर्फ आपत्ति की थी न कि असहमति, इस पर राहुल गांधी ने कहा कि, “असहमति पत्र लिखने वाले अफसर जानते थे कि एक अपराध हो रहा है और वे इस अपराध के भागीदार नहीं बनना चाहते थे। लेकिन हो सकता है अब किसी किस्म का दबाव हो।”
जब पत्रकारों की छूट गई हंसी
इस प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार ने पूछा कि, “आप तो पीएम मोदी पर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने कहा है कि उन पर कोई आरोप नहीं है।” इस पर राहुल गांधी ने पूछा कि कब कहा, तो पत्रकार का जवाब था, ‘एक इंटरव्यू में’ , इसके जवाब में राहुल गांधी ने पूछा किसके साथ, तो सारे पत्रकार हंस पड़े।
एक और सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि, “मैं आज विपक्ष का नेता हूं, मेरी जिम्मेदारी है कि इस सरकार की कमियां, गलत नीतियों को लोगों के सामने रखूं, उनका विरोध करूं। मैं किसानों का मुद्दा उठाता हूं, युवाओं का मुद्दा उठाता हूं।”
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