राहुल गांधी का तीखा हमला: जेटली जी बताएं, माल्या के भागने में मिलीभगत थी, या पीएम के कहने पर भगाया?
राहुल गांधी ने पूछा कि वित्त मंत्री भगोड़ों से बात करते हैं। भगोड़ा वित्त मंत्री से कहता है कि मैं अब लंदन जाने वाला हूं। लेकिन वित्त मंत्री ने सीबीआई, ईडी या पुलिस को नहीं बताया। क्यों?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार और खासतौर से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर तीखा हमला बोला। दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने सवाल पूछा कि, “अरुण जेटली जी बताएं कि विजय माल्या के देश से भागने में उनकी मिलीभगत थी, या प्रधानमंत्री के आदेश पर उन्होंने ऐसा किया?”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, “बुधवार को अरुण जेटली जी ने कहा कि विजय माल्या ने उनसे संसद से अनौपचारिक मुलाकात की थी। वह लंबे ब्लॉग लिखते हैं, लेकिन इस बारे में कुछ नहीं लिखते। अरुण जेटली मुलाकात के बारे में झूठ बोल रहे हैं. हमारे साथी पीएल पुनिया ने उन्हें मुलाकात करते हुए देखा था।”
उन्होंने कहा कि, ‘‘जेटली-माल्या मुलाकात से दो सवाल उठते हैं। एक यह कि वित्त मंत्री भगोड़े से बातें करते हैं, वह उन्हें लंदन जाने के बारे में बताता है, लेकिन वित्त मंत्री यह बात किसी एजेंसी को नहीं बताते। आखिर ऐसा क्यों?'
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट रेस्ट्रेंड नोटिस था, यानी हवाई अड्डे पर उन्हें देखते ही हिरासत में लिया जाना था, लेकिन इस ‘रेस्ट्रेंड’ नोटिस को ‘इंफार्म’ नोटिस में बदला गया, यानी अगर वह कहीं बाहर जाने के लिए हवाई अड्डे पर आते हैं तो इसकी सूचना दे दी जाए। उन्होंने पूछा कि, “माल्या के खिलाफ ‘रेस्ट्रेंड’ के नोटिस को ‘इन्फॉर्म’ नोटिस में किसने बदला? ये काम वही कर सकता है जो सीबीआई को कंट्रोल करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने अपराधी के साथ मिलीभगत क्यों की? राहुल गांधी ने जेटली से यह भी पूछा कि सरकार में प्रधानमंत्री सब कुछ तय करते हैं। वित्त मंत्री जी हिन्दुस्तान को बताएं कि क्या उन्होंने भगोड़े को हिंदुस्तान से भागने दिया या इसके लिये उनको प्रधानमंत्री जी से आदेश आया था?
राहुल गांधी के साथ प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया भी थे। उन्होंंने कहा कि, “ बजट पेश होने के अगले दिन पहली मार्च को अरुण जेटली और विजय माल्या संसद के सेंट्रल हॉल में एक कोने में खड़े होकर बात कर रहे थे। बातचीत काफी अंतरंगता से हो रही थी। इसके बाद दोनों हॉल में ही एक बेंच पर बैठ गए और करीब 15-20 मिनट तक बात की।”
पीएल पूनिया ने कहा कि, “जब मैंने दो दिन के बाद पढ़ा कि माल्या लंदन रवाना हो गए हैं, तो मैं हैरान था।” उन्होंने कहा कि, “मेरी बात की पुष्टि संसद में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग से ो सकती है। अगर मेरी बात गलत निकले तो मैं राजनीतिक छोड़ दूंगा, या जेटली जी राजनीति छोड़ दें।”
पूनिया ने यह भी कहा कि, “ढाई साल तक अरुण जेटली चुप्पी साधे रहे। ढाई साल तक रहस्य बनाये रखा। संसद में बहस भी हुई, लेकिन जेटली जी ने कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया।
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