राहुल गांधी ने बिहार की तरह पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग उठाई, कहा- जितनी आबादी, उतना हक़- ये हमारा प्रण

जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सामान्य वर्ग 15.52%, पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, है, अनुसूचित जाति के लोग 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 1.68 फीसदी है।

राहुल गांधी ने बिहार की तरह पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग उठाई
राहुल गांधी ने बिहार की तरह पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग उठाई
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में हुए जातीय सर्वे के आंकड़े जारी होने पर एक बार फिर पूरे देश में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां ओबीसी+एससी+एसटी 84 प्रतिशत हैं। इधर केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 ओबीसी हैं, जो भारत का मात्र 5 प्रतिशत बजट संभालते हैं। रांहुल गांधी ने कहा कि इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़- ये हमारा प्रण है।

कांग्रेस ने भी राष्ट्रीय जाति जनगणना कराने की मांग की

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बिहार सरकार ने अभी राज्य में कराए गए जाति आधारित सर्वे के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस पहल का स्वागत करते हुए और कांग्रेस सरकारों द्वारा कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में इसी तरह के पहले के सर्वेक्षणों को याद करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी मांग दोहराती है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राष्ट्रीय जाति जनगणना कराए। यूपीए-2 सरकार ने, वास्तव में इस जनगणना के कार्य को पूरा कर लिया था लेकिन इसके नतीजे मोदी सरकार ने जारी नहीं किए। सामाजिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों को मज़बूती प्रदान करने और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी जनगणना आवश्यक हो गई है।


बिहार में ये है जातियों की हिस्सेदारी

गौरतलब है कि बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट आज जारी की गई। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। इसमें पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है। अनुसूचित जाति के लोग 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 1.68 फीसदी है। सर्वे के अनुसार, राज्य में 3.6 फीसदी ब्राह्मण, 3.45 फीसदी राजपूत, 2.89 फीसदी भूमिहार, 0.60 फीसदी कायस्थ, 14.26 फीसदी यादव, 2.87 फीसदी कुर्मी, 2.81 फीसदी तेली, 3.08 फीसदी मुसहर, 0.68 फीसदी सोनार हैं। बिहार की कुल आबादी में 81.99 फीसदी हिंदू हैं। केवल 17.7 फीसदी लोग मुसलमान हैं। बाकी ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन तथा अन्य धर्म को मानने वालों की संख्या 1 फीसदी से भी कम है।

नीतीश कुमार ने आंकड़े जारी होने पर जताई खुशी

जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी होने पर सीएम नीतीश कुमार ने खुशी जताते हुए इस काम को करने वाली टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।


लालू यादव ने बताया ऐतिहासिक क्षण

वहीं बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आज गांधी जयंती पर हम सभी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने हैं। बीजेपी की तमाम साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम कोशिशों के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे जारी कर दिया। ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और प्रगति के लिए समग्र योजना बनाने और आबादी के अनुपात में वंचित समूहों को प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगे।

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