राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला, कहा- उन्होंने कभी संविधान नहीं पढ़ा, इसलिए उनको मेरे पास रखी किताब कोरी लगती है

राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि मैं जनसभाओं में जो संविधान दिखाता हूं, वो खाली है। मोदी जी के लिए संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने कभी इसे पढ़ा नहीं है।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि पीएम मोदी को लगता है कि संविधान की ‘लाल किताब’ जो वह अपने पास रखते हैं, वह कोरी है क्योंकि उन्होंने (मोदी ने) इसे कभी पढ़ा ही नहीं है।

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नंदूरबार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान में भारत की आत्मा और बिरसा मुंडा, डॉ. बी. आर. आंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र नायकों द्वारा परिकल्पित सिद्धांत शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी को किताब के लाल रंग पर आपत्ति है (जिसे गांधी रैलियों में दिखाते रहे हैं)। लेकिन हमारे लिए, रंग चाहे जो भी हो, हम इसे (संविधान को) बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपनी जान देने के लिए भी तैयार हैं। मोदी जी को लगता है कि संविधान पुस्तिका कोरी है क्योंकि उन्होंने इसे कभी पढ़ा ही नहीं है।’’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों को निर्णय लेने में प्रतिनिधित्व मिले। बीजेपी नेताओं ने बीस नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में गांधी द्वारा प्रदर्शित ‘‘लाल किताब’’ को ‘‘शहरी नक्सलवाद’’ से जोड़ने का प्रयास किया है।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ऐसी टिप्पणियां करके राष्ट्र नायकों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आदिवासियों को आदिवासी के बजाय ‘‘वनवासी’’ कहकर उनका अपमान करते हैं।


राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आदिवासी देश के पहले मालिक हैं और जल, जंगल और जमीन पर पहला अधिकार उनका है। लेकिन बीजेपी चाहती है कि आदिवासी जंगल में ही रहें, उनके पास कोई अधिकार नहीं है। बिरसा मुंडा ने इसके लिए लड़ाई लड़ी थी और अपने प्राणों का बलिदान दिया था।’’

विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के घोषणापत्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि महिलाओं, किसानों और युवाओं को 3,000 रुपये मासिक सहायता और निशुल्क बस यात्रा, तीन लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी और बेरोजगार युवाओं को 4,000 रुपये प्रति माह सहायता जैसे प्रावधानों के साथ संरक्षित किया जायेगा।

उन्होंने जाति आधारित गणना की मांग दोहराते हुए कहा कि इससे महाराष्ट्र में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों की संख्या और संसाधनों में उनकी हिस्सेदारी का पता लगाने में मदद मिलेगी।

राहुल गांधी ने दावा किया कि वर्तमान में आठ प्रतिशत आदिवासी आबादी में से निर्णय लेने में उनकी हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र से पांच लाख नौकरियां छीन ली गई हैं क्योंकि विभिन्न बड़ी परियोजनाएं अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर दी गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार इसकी अनुमति नहीं देगी। महाराष्ट्र के लिए बनी परियोजनाएं यहीं रहेंगी जबकि गुजरात के लिए बनी परियोजनाएं वहां रहेंगी।’’

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