वन रैंक वन पेंशन को लेकर राहुल का पीएम पर हमला, कहा, अनिल को 30 हजार करोड़ और सैनिकों से झूठे वादे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में पूर्व सैनिकों से मुलाकात की। इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार की गलत रणनीति का खामियाजा हमारे सैनिक भुगत रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में शनिवार को पूर्व सैनिक कर्मचारियों से मुलाकात की। इस दौरान उनके वन रैंक वन पेंशन, जम्मू कश्मीर में स्थिति, सरकार की गलत नीति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कहा, “आज हमारी मीटिंग बहुत शिक्षाप्रद मीटिंग थी। कुछ चीजें सामने आई हैं। वन रैंक वन पेंशन मुद्दे पर भी चर्चा हुई और पूर्व सैनिकों ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री ने वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं किया है।”

इस मुलाकात के दौरान राहुल ने एक बार फिर से राफेल मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ का फायदा पहुंचाया है। राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर मामले पर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर मामले में भी मोदी सरकार की रणनीति सही नहीं है। जिसका खामियाजा हमें सैनिकों की शहादत देकर चुकाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी को कुछ नहीं करने के लिए सरकार 30,000 करोड़ दे सकती है लेकिन सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन नहीं दे सकी है।

इस दौरान पूर्व सैनिकों के साथ बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो ओआरओपी सहित सभी मांगें पूरी की जायेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि पीएम मोदी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सत्ता में आए थे और वही अब इन आरोपों से जूझ रहे हैं। उन पर आरोप लगा है, उन्हें इस मामले पर बोलना चाहिए।

वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर एक बार फिर हमला बोला। राफेल सौदे से भी जोड़ते हुए उन्होंने कहा, “ अनिल के लिए राफेल सौदे से 30 हजार करोड़ रुपए, सारे नियमों को ताक पर रखा गया। आधी रात को सीबीआई निदेशक को हटा दिया गया। और सेना के लिए कोई वन रैंक वन पेंशन नहीं, सेवानिवृत सैनिकों की जंतर-मंतर पर पिटाई, और झूठे वादे।”

गौरतलब है कि भारतीय सेना से रिटायर हुए सैनिक लंबे समय से वन रैंक-वन पेंशन की मांग कर रहे थे। उनके मुताबिक, रिटायर सैनिकों उनके रैंक के हिसाब से पेंशन मिलनी चाहिए न कि रिटायर होने के साल के आधार पर। इस मांग को लेकर लंबे आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने 7 सितंबर 2015 को ओआरओपी के लागू करने का आदेश जारी किया था। हालांकि, पूर्व सैनिकों के संगठन इस प्रक्रिया में बदलाव की मांग भी करते रहे। इसके बाद 14 दिसंबर 2015 को सरकार ने एक सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया। इस समित‍ि ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी हैं, जिस पर आंतरिक समिति विचार कर रही है।

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