छत्तीसगढ़ में राहुल का मोदी सरकार पर हमला, कहा- सभी धर्मों के लोगों को साथ लिए बिना नहीं चल पाएगी अर्थव्‍यवस्‍था

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अर्थव्‍यवस्‍था मामले पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था सभी धर्म और जाति के लोगों को साथ लिए बगैर नहीं चल सकती है। उन्‍होंने कहा कि सबकी आवाज विधानसभा और लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक बेरोजगार और अर्थव्यवस्था का कुछ नहीं किया जा सकता है।

फोटो: @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्घाटन किया। जहां आदिवासियों और लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था सभी धर्म और जातियों के लोगों को साथ लिए बिना नहीं चल सकती है। लोकसभा और विधानसभाओं में सभी भारतीयों की आवाज जबतक सुनी नहीं जाएगी, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था का कुछ नहीं हो सकता है।”

उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में हिंसा में कमी आई है क्योंकि यहां की सरकार लोगों की आवाज सुनती है। आज देश की हालत सबको पता है। बाकी प्रदेशों में किसान आत्महत्याएं, बदहाल अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी ये सब समस्याएं हैं। मैं स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि जब तक देश के सभी लोगों को एक साथ जोड़ा नहीं जाता, ये समस्याएं नहीं मिटेगी।”


उन्होंने आगे कहा कि सबकी आवाज विधानसभा और लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक बेरोजगार और अर्थव्यवस्था का कुछ नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा, 'छत्तीसगढ़ में किसानों, आदिवासियों, युवाओ, माताओं-बहनों को साथ लेकर राज्य को आगे ले जाया जा रहा है। हिंसा कम हुई है और अर्थव्यवस्था बाकी प्रदेशों से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों और हिंदुस्तान के विभिन्न प्रदेशों से आदिवासी भाई-बहन आए हैं। ये बहुत अच्छा कदम है। हमें इसे और आगे ले जाना है। उन्होंने आगे कहा कि जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने मुझसे इस कार्यक्रम में आने के लिए पूछा था। मैंने उनसे कहा कि आपको पूछने की भी जरूरत नहीं थी, क्योंकि अगर आदिवासियों की बात हो तो, मैं उस कार्यक्रम में अवश्य शामिल होऊंगा।


बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव ने अब अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का रूप ले लिया है। तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ ही छह देशों के लगभग 1350 से अधिक प्रतिभागी अपनी जनजातीय कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।

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