पंजाबः नशाखोरी के खिलाफ अमरिंदर सरकार का बड़ा कदम, सभी सरकारी कर्मचारियों का होगा डोप टेस्ट
पिछले कुछ वर्षों के दौरान पंजाब में ड्रग्स सेवन और नशाखोरी की वजह से बड़े पैमाने पर मौतें हुई हैं। राज्य की पिछली अकाली-बीजेपी सरकार पर राज्य में ड्रग्स के कारोबार को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे थे।
राज्य में बढ़ती नशाखोरी को रोकने के लिए ड्रग्स तस्करों को मौत की सजा देने की सिफारिश करने के बाद पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट कराने का फैसला किया है। इसमें पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है। बुधवार को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के पुलिस कर्मचारियों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों का अनिवार्य डोप परीक्षण का आदेश दिया। आदेश के मुताबिक ये परीक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के समय से लेकर नौकरी के विभिन्न स्तरों तक होगी। अमरिंदर सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव को इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित करने और आवश्यक अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले 2 जुलाई को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में मादक पदार्थों के तस्करों के लिए मौत की सजा की सिफारिश की थी। सोमवार को अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लेकर केंद्र को सिफारिश भेजने का निर्णय लिया गया। इस फैसले के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर रही है और इसके लिए ऐसी सजा होनी चाहिए, जो मिसाल हो। फैसले के बाद उन्होंने इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया, “मैं नशामुक्त पंजाब के अपने वादे पर कायम हूं।”
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। पाकिस्तान से सीमाएं लगने के कारण पंजाब मादक पदार्थों की तस्करी का अहम मार्ग बन गया है। बड़े पैमाने पर राज्य में ड्रग्स की आवाजाही के कारण इसने यहां के लोगों को भी अपनी जकड़ में ले लिया। ड्रग्स सेवन और नशाखोरी की वजह से राज्य में पिछले कई सालों से बड़े पैमाने पर मौतें हुई हैं। राज्य की पिछली अकाली-बीजेपी गठबंधन की सरकार के दौरान ड्रग्स के कारोबार में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी ड्रग्स एक बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस ने राज्य को ड्रग्स के अभिशाप से मुक्त कराने का वादा किया था। अब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने उसी वादे को पूरा करने के लिए कड़े फैसले ले रहे हैं, जिसका राज्य के लोग बेसब्री से इंतेजार कर रहे थे।
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