पुलवामा हमले की बरसीः कांग्रेस ने दागे नरेंद्र मोदी सरकार पर ये सात सवाल, जिनके अभी तक नहीं मिले जवाब
पुलवामा आतंकी हमले के पहली बरसी पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सात सवाल दागे हैं। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि एक साल पहले हमने पुलवामा मे एक आतंकी हमले मे 40 से अधिक बहादुर जवानों को खोया था।
आज ही के दिन 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ के बहादुर जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले के पहली बरसी पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सात सवाल दागे हैं। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि एक साल पहले हमने पुलवामा मे एक आतंकी हमले मे 40 से अधिक बहादुर जवानों को खोया था। इस हमले को लेकर कई सवाल अबतक बरकरार है, जिनके जवाब नहीं मिले। कांग्रेस ने कहा कि हमले की सच्चाई न बताकर बीजेपी सरकार ने बहादुर शहीदों और उनके परिवार का अपमान किया है।
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार से पहला सवाल पूछा है कि हमले के बारे में खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद भी उसकी अनदेखी क्यों की गई। कांग्रेस ने ट्वीट कर पहला सवाल किया- हमले के बारे में खुफिया रिपोर्टों की अनदेखी क्यों की गई?
कांग्रेस ने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों द्वारा एयरलिफ्ट करने का अनुरोध करने के बारे में एक साल पहले रिपोर्ट जारी की गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार द्वारा इस अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया गया था। ऐसे में वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह को देश को बताना चाहिए कि उनके सरकार ने ऐसा क्यों होने दिया। कांग्रेस ने अपने अगले ट्वीट में मोदी सरकार से सवाल किया है कि, ‘सीआरपीएफ के जवानों द्वारा एयरलिफ्ट करने का अनुरोध क्यों अनदेखा किया गया?’
कांग्रेस ने आगे कहा कि पुलवामा देश के सबसे भारी सुरक्षा वाले क्षेत्रों में से एक है, यह कैसे संभव है कि इस तरह के विस्फोटकों से भरा वाहन बिना सूचना के प्रवेश कर जाए? उचित सुरक्षा उपाय क्यों नहीं थे? कांग्रेस ने अपने अगले ट्वीट में मोदी सरकार से सवाल किया कि, ‘देश के सबसे सुरक्षित क्षेत्रों में से एक पुलमामा में विस्फोटकों से भरा वाहन कैसे घूस गया?’
अगले ट्वीट में कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछा कि पुलवामा के शहीदों के परिवारों से किए गए वादों को पूरा करने में सरकार क्यों नाकाम रही है? कांग्रेस ने कहा कि चुनावी भाषणों और चुनावों में फोटो लगाने के बाद बीजेपी सरकार शहीदों के परिवारों को पूरी तरह से भूल गई है। सरकार ने शहीदों के परिवारों को नौकरी और मुआवजे का वादा किया गया था लेकिन एक साल बाद भी उसे पूरा नहीं किया गया। परिवारों को सरकार और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर किया जाता है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार से सवाल किया कि आखिर पुलवामा हमले की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? क्या देश की जनता इन सवालों के जवाब के लायक नहीं है? कांग्रेस ने पूछा कि क्या बीजेपी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए रिपोर्ट को दबा रही है?
अपने अगले ट्वीट में कांग्रेस ने कहा कि 1 साल बाद भी एनआईए विस्फोटकों या वित्तीय स्रोतों का पता नहीं लगा पाई है, जिसके कारण यह विनाशकारी हमला हुआ। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या इस सरकार पर हमारे सैनिकों और हमारे लोगों की रक्षा के लिए भरोसा किया जा सकता है?
कांग्रेस ने अपने सातवें और अंतिम ट्वीट में पूछा कि बीजेपी सरकार से किसी को भी जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया गया या हमारे जवानों पर हुए सबसे जघन्य आतंकी हमले की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली गई? कांग्रेस ने कहा कि पुलवामा राष्ट्रीय सुरक्षा, खुफिया और आतंकवाद के खिलाफ एक गंभीर विफलता थी। यह सरकार की विफलता थी।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पूरा देश पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। अभी ये सवाल बरकरार हैं: पुलवामा हमले की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा? जवाबदेह कौन है? 350 किलोग्राम आरडीएक्स कौन लाया?' उन्होंने यह सवाल भी किया, 'हमले को लेकर खुफिया जानकारियों को नजरअंदाज क्यों किया गया? क्या देवेंद्र सिंह की कोई भूमिका थी?'
एक साल पहले हमने पुलवामा मे एक आतंकी हमले मे 40 से अधिक बहादुर जवानों को खोया था। इस हमले को लेकर कई सवाल अबतक बरकरार है, जिनके जवाब नही मिले:
1. बीजेपी सरकार मे सुरक्षा चूक के लिए जवाबदेह कौन है, जिसकी वजह से हमला हुआ?
2. हमले के बारे में खुफिया रिपोर्टों की अनदेखी क्यों की गई?
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। यह हमला जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किया गया था।
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