राजस्थान में डॉक्टरों का विरोध खत्म, अब लागू होगा राइट टू हेल्थ कानून, सरकार से वार्ता में 8 बातों पर बनी सहमति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ कानून के खिलाफ निजी डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आपने हड़ताल खत्म कर राजस्थान को राइट टू हेल्थ वाला पहला राज्य बनाकर जिस सेवाभाव, उदारता व निष्ठा का परिचय दिया है, वह अभिनंदनीय है।
जन स्वास्थ्य की दिशा में राजस्थान सरकार की बड़ी पहल राइट टू हेल्थ कानून के लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। कानून के विरोध में 16 दिन से चल रही निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल आज सरकार से वार्ता के बाद खत्म हो गई है। सीएम अशोक गहलोत ने भी इस पर खुशी जाहिर करते हुए डॉक्टरों का आभार जताया है।
अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ कानून के खिलाफ निजी डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने की जानकारी साझा करते हुए इसका स्वागत किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि “धन्यवाद प्रिय चिकित्सकों! आज आपने हड़ताल खत्म कर राजस्थान को 'राइट टू हेल्थ' वाला पहला राज्य बनाकर जिस सेवाभाव, उदारता व निष्ठा का परिचय दिया है, वह अभिनंदनीय है। आपका यह सहयोग व समन्वय सामाजिक सुरक्षा में एक नया अध्याय बनेगा।”
खबर के मुताबिक राजस्थान सरकार के अधिकारियों और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के बीच आज हुई वार्ता के बाद 8 मांगों पर सहमति बनी है। जिन मांगों पर सहमति बनी है उनमें 50 बेड से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों और वैसे सभी निजी अस्पताल जिनकी स्थापना बिना सरकारी सहायता जैसे सब्सिडी पर जमीन या आर्थिक मदद के हुई है, उन सभी को कानून के दायरे से बाहर रखना शामिल है। वहीं निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पीपीपी मोड पर बने अस्पताल, सरकार से मुफ्त या रियायती दर पर जमीन लेकर बने अस्पताल और सरकार से जमीन या फंड लेने वाले ट्रस्ट संचालित अस्पतालों को आरटीएच कानून के तहत रखा गया है।
इसके अलावा यह भी तय हुआ कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा मॉडल के तहत रेगुलराइज किया जाएगा। आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा दर्ज केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे। अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनेगा। फायर एनओसी का नवीनीकरण अब हर 5 साल में होगा। इसके अलावा नियमों में यदि कोई और परिवर्तन होता है तो वो आईएमए के दो प्रतिनिधियों से परामर्श के बाद ही किया जाएगा।
इस समझौते के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अब राजस्थान ‘राइट टू हैल्थ’ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी डॉक्टर अब तुरंत काम पर वापस लौटेंगे और स्वास्थ्य का अधिकार, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और आरजीएचएस जैसी योजनाओं को सरकारी और निजी अस्पताल मिलकर सफल बनाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि निजी और सरकारी अस्पतालों ने जिस तरह कोविड महामारी का बेहतरीन प्रबंधन कर मिसाल कायम किया था, उसी तरह इन स्वास्थ्य योजनाओं को धरातल पर सफलतापूर्वक लागू कर राजस्थान मॉडल ऑफ पब्लिक हेल्थ पेश करेंगे।
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