आंदोलन: किसानों का जोश बरकरार, 80 किलोमीटर साइकिल चलाकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा 73 वर्षीय बुजुर्ग
रविवार की दोपहर में 73 वर्षीय एक बुजुर्ग किसान मेरठ के पलवाड़ी से साइकिल चलाकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन बेशक लंबा हो गया है, इस बीच फसल का काम भी बढ़ा है, लेकिन इस सबके बावजूद आंदोलन को लेकर किसानों में कोई उदासीनता नहीं दिख रही है।
कृषि कानून के खिलाफ किसान 109 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हर वर्ग का किसान यहां पहुंचकर धरना में शामिल हो रहा है और आंदोलनकारियों को अपना समर्थन दे रहा है। इसी क्रम में रविवार की दोपहर में 73 वर्षीय एक बुजुर्ग किसान मेरठ के पलवाड़ी से साइकिल चलाकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। बुजुर्ग किसान हरवीर मेरठ जिले के पलवाड़ी गांव निवासी हैं। अपने गांव से साइकिल पर सवार होकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हरवीर ने बताया, "पलवाड़ी गांव मेरठ से 25 किलोमीटर आगे पड़ता है। करीब 80 किलोमीटर की साइकिल यात्रा मैंने सुबह नौ बजे शुरू की थी और दोपहर दो बजे यहां पहुंचा हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "किसान आंदोलन बेशक लंबा हो गया है, इस बीच फसल का काम भी बढ़ा है, लेकिन इस सबके बावजूद आंदोलन को लेकर किसानों में कोई उदासीनता नहीं दिख रही है। किसान अपना खेत भी देख रहा है और अपनी नजर आंदोलन पर भी लगातार बनाए हुए हैं, आकर समर्थन दे रहे हैं।"
बॉर्डर पर बैठे किसानों के मुताबिक, हरवीर सिंह ने आंदोलन स्थल पर आने के लिए नई साइकिल खरीदी है। इससे पहले भी वह आंदोलन में कई बार आ चुके हैं, लेकिन पहली बार साइकिल में भारतीय किसान यूनियन का झंडा लगाकर यात्रा करते हुए वह रविवार को यहां पहुंचे।
तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
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