हिंदुस्तानी तानाशाह से लड़ने गंगा के सहारे गंगा के रास्ते आई हूं: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि वे उत्तर प्रदेश में नई राजनीति शुरु करना चाहती हैं, इसीलिए गंगा के सहारे गंगा के रास्ते से काशी आई हैं। प्रियंका गांधी प्रयाग से काशी तक की अपनी तीन दिन की जलयात्रा के अंतिम पड़ाव में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र पहुंची।
इस दौरान उन्होंने मोदी पर एक भी वादा पूरा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रचार की राजनीति हो रही है। प्रियंका ने यहां कांग्रेस के कार्यकर्ता समागम (होली मिलन) में 2014 के भाजपा के बनारस से जुड़े घोषणा-पत्र को दिखाते हुए कहा, "इसमें आठ वादे किए गए, पूरे एक भी नहीं हुए। प्रचार की राजनीति सरल है। इसे कोई भी कर सकता है।"
पूर्व उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जीवनदायिनी गंगा के रास्ते नई सियासी इबारत लिखने का काम शुरु किया है। प्रयाग से काशी तक तीन अपनी तीन दिन की जल यात्रा के अंतिम पड़ाव में काशी पहुंची प्रियंका गांधी ने सबसे बड़ा हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किया। उन्होंने कहा कि, “हमारी राजनीति मारपीट की नहीं है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजो की लाठियां सही, मार खाई पर हाथ नहीं उठाया। आज इस देश में अंग्रेजों जैसी तानाशाही की स्थिति है। बस फर्क यही है कि ये हिंदुस्तानी तानाशाह है।”
प्रियंका गांधी ने कहा, "मुझे बहुत काम करना है। आप सभी को अनुशासन सिखाना है। साथ ही बनारस से नई आजादी की लड़ाई लड़नी है।" उन्होंने कहा कि, "मैं रास्ते में आ रही थी तो बीजेपी के लोगों ने अपने पक्ष में नारे लगाए, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीटा भी। कांग्रेस ऐसी राजनीति नहीं करती है। हमने अंग्रेजों की पिटाई सही, लेकिन हाथ नहीं उठाया। सिर्फ सच को सामने लाए हैं।"
इसके पहले प्रियंका गांधी ने अस्सी घाट पर निषाद समाज के लोगों से बातचीत की। निषाद समाज के लोगों से उन्होंने कहा, "कांग्रेस के सत्ता में आते ही निषाद समाज के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। यह राहुल गांधी की प्राथमिकता में शामिल है। साथ ही निषाद समाज के लोगों की समस्या निवारण के लिए अलग से मंत्रालय बनाया जाएगा।"
प्रियंका गांधी ने कबीरचौरा स्थित सरोजा पैलेस के सभागार में हुए कांग्रेस कार्यकर्ता समागम में कहा कि आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार की तानशाही थी जिसमें गरीबों को सताया और प्रताड़ित किया जाता था। आजकल वही हालात देश में हैं। जनता की आवाज सुनी नहीं, दबाई जा रही है। फर्क सिर्फ इतना है कि मौजूदा तानाशाह भारतीय हैं। उन्होंने कार्यकताओं का आह्वान किया कि वे लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि, “बनारस से एक बड़ी लड़ाई लड़नी है। यह लड़ाई आजादी की लड़ाई से भी बड़ी होगी।“ उन्होंने कहा कि लोगों की आवाज दबाई जा रही है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि सबकी आवाज सुनी जाए। प्रियंका गांधी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में सत्य की राजनीति शुरू करना चाहती हैं। अभी प्रचार की राजनीति चल रही है। प्रचार की राजनीति सरल होती है। ऐसी राजनीति होनी चाहिए, जिसमें जनता का महत्व हो। जिस पार्टी के पास पैसा है, वह प्रचार में आगे है। उन्होंने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2014 का घोषणापत्र सामने रखते हुए कहा कि इसमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, “ मैं भाषण देने नहीं आई हूं। जनता के दु:ख-दर्द सुनने आई हूं। उनकी पीड़ा और समस्या को जानने आई हूं। हम बड़े-बड़े वादे नहीं करते हैं। बड़े-बड़े वादे करना आसान है। राजनीति में हमारा यह मकसद नहीं है।“
प्रियंका गांधी ने बीएचयू में छात्राओं की पिटाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब छात्राओं ने अपनी आवाज उठाई तो उन्हें पीटा गया। उनके अभिभावकों से लिख कर लिया गया कि वे धरना-प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगी। उन्होंने कहा कि यह कैसा भेदभाव कि छात्राओं को धरना-प्रदर्शन में भाग लेने से रोका जा रहा है। पुरुष और महिला, सभी को विरोध और असहमति प्रकट करने का अधिकार है।
प्रियंका गांधी ने काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पांच वैदिक ब्राह्मणों के साथ बाबा भोलेनाथ की पूजा की। इसके पहले उन्होंने दशाश्वमेध घाट पहुंच कर गंगा पूजन और मां गंगा की आरती भी की।
प्रियंका गांधी ने बाद में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद अवधेश कुमार यादव के घर पहुंचकर उनके परिवारजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की और शहीद की पत्नी श्रीमती शिल्पी यादव को हौसला बंधाया।
उन्होंने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए वाराणसी निवासी सार्जेंट विशाल पांडेय के परिवार से भी मुलाकात की।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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