रेल हादसों पर प्रियंका गांधी का सरकार से सवाल, 'अव्यवस्था के पहियों पर लोग सफर करने को मजबूर, कब तय होगी जवाबदेही?'
प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के करोड़ों आम लोग भय और अव्यवस्था के पहियों पर चल रही ट्रेनों में जान हथेली पर लेकर सफर करने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार सुरक्षित ट्रेन यात्रा की जिम्मेदारी से अपना मुंह फेर चुकी है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे रेल हादसों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा और कहा है कि आखिर रेल हादसों को लेकर कब जिम्मेदारी तय होगी?
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “देश में ट्रेन दुर्घटनाओं को इतना सामान्य बना दिया गया है कि एक के बाद एक हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं के बावजूद सरकार की तरफ से न तो कोई जवाबदेही तय की जा रही है, न ही कोई एक्शन लिया जा रहा है।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “देश के करोड़ों आम लोग भय और अव्यवस्था के पहियों पर चल रही ट्रेनों में जान हथेली पर लेकर सफर करने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार सुरक्षित ट्रेन यात्रा की जिम्मेदारी से अपना मुंह फेर चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा, तमिलनाडु में मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के साथ एक बार फिर बालासोर उड़ीसा जैसा हादसा हुआ। महीनों से चल रहा यह सिलसिला कब रुकेगा? कब तय होगी जवाबदेही?
तमिलवाडु के मैसूर से बिहार के दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस चेन्नई के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई। इसके बाद ट्रेन में आग लग गई। हादसा कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन के पास हुआ। हादसे में 19 लोग घायल हो गए।
हादसा शुक्रवार रात 8:50 बजे हुआ। तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में ट्रेन नंबर 12578 मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के एक मालगाड़ी से टकराने के बाद दो डिब्बों में आग और धुएं की सूचना मिली। इसके बाद ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए। इसी हादसे का प्रियंका गांधी ने जिक्र किया है। बीते कुछ महीनों में कई रेल हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है।
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