प्रियंका गांधी ने पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से की मुलाकात, लड़ाई में साथ देने का दिया भरोसा

प्रियंका गांधी ने आज शाम साक्षी के घर पहुंचकर उनसे और पहलवान बजरंग पुनिया से मुलाकात की और उनकी लड़ाई में समर्थन देने का भरोसा दिलाया। मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने साक्षी के घर से निकलते हुए कहा कि वह एक महिला होने के नाते यहां आई थीं।

प्रियंका गांधी ने पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से की मुलाकात
प्रियंका गांधी ने पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से की मुलाकात
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नवजीवन डेस्क

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के विरोध में कुश्ती से संन्यास का ऐलान करने वाली पहलवान साक्षी मलिक को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का समर्थन मिला है। प्रियंका गांधी ने आज साक्षी के घर पहुंचकर उनसे और पहलवान बजरंग पुनिया से मुलाकात की और उनकी लड़ाई में समर्थन देने का भरोसा दिलाया। मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने साक्षी के घर से निकलते हुए कहा कि वह एक महिला होने के नाते यहां आई थीं।

इससे पहले आज दिन में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने और उसके करीबी के भारतीय कुश्ती महासंध का अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया। पुनिया ने पीएम को एक लंबा पत्र लिखकर पुरस्कार वापस करने का कारण बताया, जिसमें महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में कार्रवाई नहीं होने को प्रमुख कारण बताया गया है। इसके बाद पुनिया अपना पद्मश्री लेकर पीएम आवास पहुंच गए, लेकिन पुलिस वालों द्वारा रोके जाने पर वह आवास के सामने फुटपाथ पर ही अपना पुरस्कार रखकर चले आए।


वहीं इससे एक दिन पहले गुरुवार को बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंध का अध्यक्ष चुने जाने की खबर आने के फौरन बाद पहलवान साक्षी मलिक ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कुश्ती से हमेशा के लिए संन्यास का ऐलान कर दिया। आंखों में आंसू लिए बेहद भावुक साक्षी ने मीडिया से बात करने से पहले अपने जूते मंच पर रखे और फिर कहा कि वह निराश हैं और अब कुश्ती में प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगी।

साक्षी मलिक ने गुरुवार को कहा था कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए लेकिन मैं अपने देश के कई लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं जो इस साल की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन के दौरान हमारा समर्थन करने आए थे। अगर बृज भूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के रूप में चुने जाते हैं, तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं।

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