गीतांजलि श्री के उपन्यास 'रेत समाधि' के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर प्रियंका गांधी ने दी शुभकामनाएं
प्रियंका गांधी ने कहा, "हिंदी उपन्यास रेत समाधि को बुकर पुरस्कार मिलने पर उपन्यासकार गीतांजलि श्री और अनुवादक डेज़ी रॉकवेल को बधाई और शुभकामनाएं।
लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज से नावाजा गया है। इसके साथ ही ‘रेत समाधि’ प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली किताब बन गई है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लेखिका गीतांजलि श्री को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है, "हिंदी उपन्यास रेत समाधि को बुकर पुरस्कार मिलने पर उपन्यासकार गीतांजलि श्री और अनुवादक डेज़ी रॉकवेल को बधाई और शुभकामनाएं। पुरस्कार की इस खुशी को साझा करते हुए यहां यह कहना भी मौजूं होगा कि भारतीय भाषाओं का शानदार और विविधता भरा साहित्य श्रेष्ठतम पुरस्कारों का हकदार है।
बता दें कि यह किताब देश के बंटवारे पर आधारित है। किताब में बंटवारे के दौरान एक वृद्ध महिला के पति की मौत हो हो जाती है, यह उसपर आधारित है।
बुकर प्राइज जीतने के बाद गीतांजलि श्री ने कहा कि मैंने कभी भी बुकर का सपना नहीं देखा था, मैंने इसके बारे में सोचा भी नहीं था। यह बहुत बड़ी पहचान है, मैं बहुत ज्यादा खुश हूं, मैं इससे बहुत खुश और सम्मानित महसूस कर रही हूं।
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उपन्यास ‘रेत समाधि’ के लिए यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने वाली लेखिका गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से संबंध रखती हैं। श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। दिल्ली में रहने वाली 64 साल की लेखिका श्री की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं।
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