प्रियंका गांधी ने IMPCL के निजीकरण की योजना पर केंद्र को घेरा, कहा- चुनिंदा मित्रों की तिजोरियां भरने का मकसद!

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का प्रमुख कारखाना है जो देश भर में और विदेशों में भी दवाओं की आपूर्ति करता है। मुनाफे में चल रहे दवा कारखाने को बेचने की योजना, आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा देने के पाखंड की सच्चाई को उजागर कर रही है।

प्रियंका गांधी ने IMPCL के निजीकरण की योजना पर केंद्र को घेरा, कहा- चुनिंदा मित्रों की तिजोरियां भरने का मकसद!
प्रियंका गांधी ने IMPCL के निजीकरण की योजना पर केंद्र को घेरा, कहा- चुनिंदा मित्रों की तिजोरियां भरने का मकसद!
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ‘इंडियन मेडिसिंस फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (आईएमपीसीएल) के निजीकरण की कथित योजनाओं को लेकर रविवार को केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि इसका मकसद ‘‘चुनिंदा मित्रों की तिजोरियां भरने’’ के अलावा और क्या हो सकता है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ये टिप्पणी इन खबरों के बीच आई है कि सरकार की दवा कंपनी के विनिवेश की योजना है जिससे कई स्थानीय निवासियों के बीच चिंता पैदा हो गई है जिनकी आजीविका इससे प्रभावित हो सकती है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुनाफे में चल रही मिनी रत्न दवा कंपनी को बेचने के पीछे सरकार की मंशा क्या है?’’


प्रियंका गांधी ने पोस्ट में लिखा, ‘‘अल्मोड़ा, उत्तराखंड के मोहान में स्थित इंडियन मेडिसिंस फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) को 1978 में केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर स्थापित किया था। यह आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का प्रमुख कारखाना है जो देश भर में और विदेशों में भी दवाओं की आपूर्ति करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल इसे 18 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ और 6 करोड़ का लाभांश सरकार को देने की तैयारी है।’’

उन्होंने कहा कि इस इकाई में 500 से ज्यादा कर्मचारी हैं और हजारों छोटे किसान अपनी छोटी-छोटी उपज और कच्चे माल की आपूर्ति करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुनाफे में चल रहे दवा कारखाने को बेचने की योजना, आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा देने के पाखंड की सच्चाई को उजागर कर रही है। देश की बेशकीमती संपत्तियां चुनिंदा मित्रों को सौंपकर उनकी तिजोरी भरने के अलावा इसका क्या मकसद हो सकता है?’’

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