कोरोना संकट में भी निजी स्कूल धड़ल्ले से बढ़ा रहे फीस, लॉकडाउन में मनमानी पर सरकारों ने साधी चुप्पी

लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकारों की तरफ से कोई स्पष्ट आदेश नहीं होने से निजी स्कूल इस संकट में भी फीस बढ़ाने से बाज नहीं आ रहे। सरकारों ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश तो दिया, लेकिन अपने यहां फीस वृद्धि पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया है।

फोटोः सोशल मीडिय़ा
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नवजीवन डेस्क

देश पर छाए कोरोना संकट से बचने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी दिल्ली-एनसीआऱ के कई निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। देश के हर वर्ग पर आए एक मुश्किल वक्त में भी कई निजी स्कूलों ने चुपके से फीस बढ़ाने का फरमान जारी कर अभिभावकों को सकते में डाल दिया है। वहीं इस पूरे मामले पर संबंधित राज्य सरकारों ने चुप्पी साध रखी है।

दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों के अचानक से इस वक्त में फीस बढ़ाने से लॉकडाउन से रोजी-रोजगार पर आए संकट में कुछ राहत मिलने की उम्मीद कर रहे अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है। परेशान अभिभावकों की ओर से लगातार इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन अनुरोध भेजे जा रहे हैं। अभिभवकों की मांग है कि मंत्रालय स्कूलों के फिर से खुलने तक चालू शैक्षणिक सत्र के लिए शुल्क नहीं बढ़ाने का निर्देश दे।

जनसत्ता की खबर के अनुसार दिल्ली से नोएडा के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के एक अभिभावक ने बताया कि कोरोना संकट के इस दौर में जब किसी को ये भी पता नहीं है कि हम अपने काम पर कब तक वापस लौटेंगे, ऐसे में हमें स्कूल से शुल्क वृद्धि की सूचना मिलती है। हम परेशान है कि इन हालात में हम कैसे बढ़ी हुई फीस वहन कर पाएंगे? स्कूल का कहना है कि बढ़ी हुई फीस से शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के बढ़े खर्चों को पूरा किया जाएगा।

वहीं एनसीआर के ही गुड़गांव की एक अभिभावक ने कहा कि वे स्कूलों की चिंता को समझते हैं कि उन्हें भी वेतन देने हैं और तरह के खर्च हैं, जिससे वे शुल्क में छूट नहीं दे सकते। लेकिन कम से कम इन हालात में शुल्क वृद्धि को तो टाला जा सकता था। उनका सवाल है कि सरकार इस बारे में कोई फैसला पारित क्यों नहीं लेती है? वहीं एक अन्य अभिभावक ने बताया कि लॉकडाउन से पैदा हालात में वेतन और अन्य भत्तों में कटौती से वह पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। लेकिन स्कूल फीस वृद्धि सामान्य रूप से जारी है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकारों की तरफ से कोई स्पष्ट आदेश नहीं होने से निजी स्कूल इस संकट में भी फीस बढ़ाने से बाज नहीं आ रहे। दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को बंद रखने का तो आदेश दिया है, लेकिन अपने यहां स्कूल फीस वृद्धि पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया है। इससे यहां के निजी स्कूल मान रहे हैं कि सरकार की शुल्क समीक्षा प्रबंध समिति से शुल्क वृद्धि की मंजूरी मिल जाएगी।

वहीं, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों ने लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों को शुल्क देने के लिए बाध्य नहीं करने की अपील की है। जबकि गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि निजी स्कूल एक वर्ष के लिए शुल्क नहीं बढ़ाएंगे। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों से शुल्क नहीं बढ़ाए जाने की अपील की है। दरअसल शुल्क को लेकर कोई स्पष्टता नहीं होने का निजी स्कूल लाभ उठा रहे हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के पहले मार्च मध्य से ही स्कूलों को बंद कर दिया गया था। देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि आज समाप्त हो रही थी, लेकिन अब इसे तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि कई स्कूल पहले ही पढ़ाई गतिविधियों को ऑनलाइन शुरू कर चुके हैं। विभिन्न राज्य सरकारों ने भी सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की बात कही है।

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